सोमवार, 23 सितंबर 2024

लखनऊ :SGPGI परिसर में सुरक्षा गार्ड बेकाबू मरीज व तीमारदारों से की मारपीट FIR दर्ज।।||Lucknow:Security guards in SG PGI campus beat up unruly patients and attendants; FIR registered.||

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लखनऊ :
SGPGI परिसर में सुरक्षा गार्ड बेकाबू मरीज व तीमारदारों से की मारपीट FIR दर्ज।।
◆सुरक्षा गार्ड एसजीपीजीआई का कर रहे नाम बदनाम।
दो टूक :  संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान  में तैनात सुरक्षा गार्डों की मनमानी और अभद्रता करने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा  है मरीजों और उनके तिमारदारों से सोमवार शाम करीब साढ़े पांच बजे दवा के लिए लाइन में लगे युवक से फिर मारपीट की गई। इसमें एक से अधिक गार्डों ने मरीज और उसके तीमारदारों की जमकर पिटाई कर दी। वायरल हो रहे वीडियो में गार्डों की अराजकता देख कर मरीजों की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है। परिजनों ने थाने पहुंच कर एफआईआर दर्ज कराया है।
विस्तार:
मिली जानकारी के अनुसार लखनऊ के
थाना गोसाईगंज क्षेत्र के सठवारा गांव में रहने वाले अनिकेत सिंह(18) अपनी नानी गायत्री 70वर्ष को दिखाने पीजीआई अस्पताल के न्यू ओपीडी की कार्डियोलॉजी विभाग में आए थे,डॉक्टर को दिखाने के बाद बेसमेंट में बने एचआरएफ में दवा लेने के लिए लाइन में लगे थे,इस दौरान अनिकेत टॉयलेट के लिए चला गया, और लाइन में अपने मामा आशुतोष विक्रम सिंह को खड़ा कर दिया ,इसी बीच गार्ड आया और आशुतोष को दवा की पर्ची दिखाने को कहा,पर्ची न होने पर उनको लाइन से अलग कर दिया । 
पीडित अनिकेत का कहना है कि रसीद उसके पास थी मामा ने दो मिनट में अनिकेत के आने पर रसीद दिखाने की बात गार्ड से कही थी,जिस पर ड्यूटी पर मौजूद गार्ड मनीष यादव भड़क गया। और गाली गलौज कर मारपीट करने लगा। मारपीट से  अफरा तफरी का माहौल बन गया।मारपीट में मनीष यादव के साथी और गार्ड आ गए,अनिकेत को जमीन पर पटक कर लात घूंसो से मारकर घायल कर दिया इस बीच उसके कपड़े फाड़ डाले।
◆घायल तीमारदारो ने थाने पहुचक कर दी तहरीर।।
पीडित अनिकेत का आरोप है कि उसकी मां कंचन लता जब उसे उनके चंगुल से छुड़ाने आई तो उनके साथ भी अभद्रता की गई,इस दौरान उनका मंगलसूत्र भी कहीं  गिर गया। मारपीट के दौरान अनिकेत के काफी अंदरूनी चोटे आई हैं जिसकी शिकायत थाने मे लिखित किया हूँ।
●तिमारदारों का कहना है कि गार्डों द्वारा मारपीट और अभद्रता करने के पीछे पीजीआई अस्पताल के निदेशक डॉ धीमान का हाथ है,परिसर का विजिट करते समय उन्होंने आश्रय लेकर बैठे मरीजों और तीमारदारों को भगाने को कहा था।
अगर होटल में रहने की स्थिति होती तो क्यों खुले में पड़े रहते - 
●मरीजों का कहना था कि पीजीआई जैसे अस्पताल में उपचार कराने वही आते हैं जिनको सब जगह से जबाव मिल गया होता है या फिर रेफर कर दिया गया होता है।
यहीं के खर्चों से परेशान हैं,रहने के लिए होटल का बंदोबस्त कैसे करें।
◆ पीजीआई इंस्पेक्टर ब्रजेश चंद्र तिवारी ने कि स्थिति दुखद है मरीजों के साथ इस प्रकार का व्यवहार किसी तरह उचित नहीं है पीड़ित की तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर
,मेडिकल जांच के लिए भेज दिया है,मौके पर जाकर जांच पड़ताल की जा रही है ।
सुरक्षा गार्डो की मारपीट की वायरल वीडियो--