शुक्रवार, 4 अक्तूबर 2024

आजमगढ़ : नारद मोह के मंचन से शुरू हुई फूलपुर की श्रीराम लीला।।Azamgarh : Phoolpur's Shri Ram Leela started with the staging of Narad Moh.||

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आजमगढ़ : 
नारद मोह के मंचन से शुरू हुई फूलपुर की श्रीराम लीला ।।
।। सिद्धेश्वर पाण्डेय।।
दो टूक : नवरात्रि के पावन अवसर पर रामलीला समिति फूलपुर के तत्वाधान मे श्री रामलीला का आयोजन किया गया। मंचन से पूर्व मां आदिशक्ति  व श्री राम जी की वैदिक मंत्रोच्चार से पूजन अर्चन किया गया। मुख्य अतिथि लालगंज भाजपा अध्यक्ष सूरज प्रकाश श्रीवास्तव द्वारा फीता काट कर श्री राम लीला मंचन का उदघाटन किया। श्रीवास्तव ने कहा कर्म के साथ भक्ति भाव जीवन में आवश्यक है। और सभी को इसमें बढ़चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए। फूलपुर मेन रोड से जुड़ी सभी सड़कों का अतिशीघ्र कायाकल्प करने का आश्वासन दिया। 
 श्री राम लीला मंचन में अयोध्या मण्डल से आए कलाकारों के द्वारा श्री राम लीला के प्रथम दिवस पर नारद मोह की लीला प्रस्तुत की गई। एक बार नारद जी को अपने तप करने लगे। तपस्या से इंद्र देव का सिंहासन डगमगाने लगा। उन्होंने कामदेव को अप्सराओं के साथ तपस्या भंग करने भेजा। पर कामदेव सफल नहीं हुए। जिससे नारद जी को अहंकार हो गया। नारद जी के अहंकार को तोड़ने के लिए भगवान विष्णु शीलनगरी का निर्माण किया। और शीलनिधि के पुत्री का स्वयंवर रखा गया।विश्वमोहिनी का रूप देख नारद जी को विवाह की इच्छा जागृत हुई। उन्होंने श्री हरि विष्णु से एक दिन का हरि रूप मांगा।सुन्दर दिखने की इच्छा प्रकट की। पर विष्णु जी ने उन्हें बन्दर का रूप दे दिया। और वह मोहिनी के स्वयंवर में पहुंच गए। विश्वमोहिनी जिधर जाती नारद जी उधर पहुंच जाते ,परन्तु श्री हरि के आने पर वरमाला विश्व मोहिनी ने विष्णु जी के गले में डाल दिया। जब नारद जी ने अपने रूप को देखा तो श्री हरि को मानव रूप में स्त्री वियोग का श्राप दिया। जिसके कारण प्रभु को मानव जीवन में अवतरित होना पड़ा। 
इस अवसर पर अखिलेश विश्वकर्मा, भोला सेठ, राकेश विश्वकर्मा, जीवन लाल,अमन गुप्ता, वीरेन्द्र पाण्डेय , आदि सहित काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।