मंगलवार, 15 अक्तूबर 2024

आजमगढ़ : वाह रे शिक्षा विभाग के जिम्मेदार,प्रवेश के लिए भटक रही छात्राए।||Azamgarh: Wow, responsible people of the education department, students are wandering for admission.||

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आजमगढ़ : 
वाह रे शिक्षा विभाग के जिम्मेदार,प्रवेश के लिए भटक रही छात्राए।।
 विश्वविद्यालय से 33 % सीटों की बढ़ोत्तरी, ,फिर भी प्राचार्य अनभिज्ञ।।
 ।।  सिद्धेश्वर पाण्डेय ।।
दो टूक : महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़ के कुलसचिव द्वारा विगत 10 सितंबर को स्नातकोत्तर स्तर पर 33 फीसदी सीटों में वृद्धि के बाद भी अंबारी महाविद्यालय के प्राचार्य सहित स्टाफ को जानकारी नहीं हो सकी। प्रवेश के लिए छात्राएं भटक रही है ।  जिसके चलते काफी संख्या में छात्राओं को दूर के महाविद्यालय में प्रवेश लेना पड़ा। 
गया प्रसाद स्मारक राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय अंबारी की स्थापना पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश एवं पूर्व राज्यपाल मध्यप्रदेश स्व रामनरेश यादव के प्रयास से हुआ था। उनकी सोच थी कि क्षेत्र की छात्राओं को शिक्षा ग्रहण करने के लिए दूर न जाना पड़े। इसका असर भी हुआ और क्षेत्र में शिक्षा का स्तर भी बढ़ा। लेकिन महाविद्यालय के प्राचार्य एवं शिक्षकों की लापरवाही क्षेत्र की छात्राओं के लिए भारी पड़ रही है। महाविद्यालय में परास्नातक स्तर पर हिंदी और गृह विज्ञान विषय की सीटें फूल हो गयी थी। इसके बाद कुल सचिव द्वारा 10 सितंबर को 33 फीसद सीटों में वृद्धि कर दी। एक महीना से अधिक समय बीत जाने के बाद अभी तक प्राचार्य एवं महाविद्यालय के शिक्षकों को इसकी जानकारी नहीं हो सकी । जिसका नतीजा क्षेत्र के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। फूलपुर-पवई के सपा विधायक रमाकांत यादव ने प्रतिनिधि विजय बहादुर यादव ने बताया कि क्षेत्र के कई अभिभावक मुझसे  महाविद्यालय में गृह विज्ञान और हिंदी के सीटे बढ़वाने के लिए बार बार कहते रहे। मैंने सचिव से बात किया। बात करने पर मेरे व्हाट्सएप पर सीटी की वृद्धि का लेटर मिला। जिसमें साफ लिखा गया है कि 10 सितंबर को हिंदी और गृह विज्ञान विषय की सीटों में 33 फीसद की वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि यह प्राचार्य की लापरवाही है। वैसे जो भी हो यहां की स्थिति बिगड़ती जा रही है । इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की जाएगी।
 गया प्रसाद स्मारक राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय अंबारी के प्राचार्य जयसिंह का कहना है कि सीट में वृद्धि का पत्र हमें नहीं मिला है। महाविद्यालय में उक्त विषयों में प्रवेश के लिए कोई भी बच्चा नहीं आया है। लोग जनप्रतिनिधियों से ही बात करते हैं।