दो टूक, गोण्डा- तहसील गोण्डा न्यायालय में कार्यरत न्यायिक लिपिक सुरेन्द्र कुमार को रिश्वत मांगने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। एक वायरल वीडियो में सुरेन्द्र कुमार के होने का आरोप लगा है। वीडियो में अदालत की पत्रावली के निस्तारण हेतु पीठासीन अधिकारी के लिए रिश्वत मांगे जाने का फुटेज है। इस घटना के सामने आने के बाद प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया है और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई आरंभ कर दी गई है। निलंबन की अवधि में सुरेन्द्र कुमार को वित्तीय हस्तपुस्तिका के प्रावधानों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ता अर्द्ध औसत वेतन पर या अर्द्ध वेतन पर दिया जाएगा। इसके अलावा, महंगाई भत्ता और अन्य प्रतिकर भत्ते भी उन्हें प्राप्त होंगे, बशर्ते वे उन मदों में वास्तविक व्यय कर रहे हों जिनके लिए ये भत्ते अनुमन्य हैं। ये प्रावधान सुनिश्चित करते हैं कि निलंबन के दौरान उन्हें न्यूनतम आर्थिक सहायता प्राप्त हो, लेकिन अन्य सुविधाओं पर प्रतिबंध रहेगा। निलंबन काल में सुरेन्द्र कुमार को इस बात का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा कि वे किसी अन्य सेवा, योजना, व्यापार, वृत्ति, या व्यवसाय में संलग्न नहीं हैं। यह कदम सुनिश्चित करता है कि निलंबन के दौरान वे केवल उन्हीं मदों में भुगतान प्राप्त करेंगे जिनकी अनुमति प्रशासन ने दी है। अपर उप जिलाधिकारी प्रथम गोण्डा को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्हें यह निर्देश दिए गए हैं कि वे शीघ्रता से आरोप पत्र का गठन करें और उसे अनुमोदन हेतु उच्चाधिकारियों को प्रस्तुत करें।