गुरुवार, 3 अक्टूबर 2024

बलरामपुर- शक्तिपीठ मां पाटेश्वरी देवी मंदिर (देवीपाटन) तुलसीपुर मे आज से शुरू हुए शारदीय नवरात्र मे रहेगी भक्तों की भारी भीड़, परिसर मे होंगे मुंडन व अन्य अनुष्ठान

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दो टूक, बलरामपुर- शक्तिपीठ मां पाटेश्वरी देवी मंदिर देवीपाटन को किसी परिचय की जरूरत नहीं है। यह ऐसा देवी मंदिर है जहां युपी के सभी जिलों समेत दूसरे प्रदेश व देश से भी भक्त आते जाते रहते हैँ। इस मंदिर पर पुरे साल भक्तो की भीड़ हमेशा रहती है लेकिन नवरात्र मे लोगो की संख्या यहाँ काफी अधिक हो जाती है। आज नवरात्र के प्रथम दिवस के सुबह का यह ताजा दृश्य इसी मंदिर का है।
    हिंदू धर्म में नवरात्रि का बहुत अधिक महत्व होता है। आश्विन मास में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि शुरू हो जाते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर यानी आज से प्रारंभ हुए है। नवरात्र मे जगह जगह माता की पूजा आराधना होती है और मंदिरो मे भिन्न भिन्न धार्मिक आयोजन किये जाते है।

उत्तर प्रदेश का जनपद बलरामपुर नेपाल की सीमा से सटा हुआ है। इसके तहसील तुलसीपुर नगर से करीब 1.5 किमी की दूरी पर सिरिया नाले के पूर्वी तट पर स्थित सुप्रसिद्ध सिद्ध शक्तिपीठ मां पाटेश्वरी का मंदिर देवीपाटन स्थित है, जो देशभर में फैले 51 शक्तिपीठों में मुख्य स्थान रखता है। यह मन्दिर बलरामपुर जिला मुख्यालय से करीब 25 किमी दूर है जबकि गोण्डा जिला मुख्यालय से लगभग 65 किमी दूर है। यह मंदिर शिव और सती के प्रेम का प्रतीक स्वरूप है।

कहा जाता है की अपने पिता प्रजापति दक्ष के यज्ञ में अपने पति महादेव का स्थान न देखकर नाराज सती ने अपमान से क्रोधित होकर अपने प्राण त्याग कर दिये। इस घटना से क्षुब्ध होकर शिवजी ने दक्ष के यज्ञ को नष्ट कर सती के शव को अपने कंधे पर रखकर तीनों लोक में घूमने लगे, तो संसार-चक्र में व्यवधान उत्पन्न हो गया। तब विष्णु ने सती के शव के विभिन्न अंगों को सुदर्शन चक्र से काट काटकर भारत के भिन्न भिन्न स्थानों पर गिरा दिया। पृथ्वी पर जहाँ जहाँ सती के शव के अंग गिरे, वहाँ वहाँ शक्तिपीठ स्थापित हुए। सती का वाम स्कन्ध पाटम्बर अंग यहाँ पर आकर गिरा था, इसलिए यह स्थान देवीपाटन के नाम से प्रसिद्ध है।

यहीं भगवान शिव की आज्ञा से महायोगी गुरु गोरखनाथ ने सर्वप्रथम देवी की पूजा अर्चना के लिए एक मठ का निर्माण कराकर स्वयं लम्बे समय तक जग जननी की पूजा करते हुए साधनारत रहे। इस प्रकार यह स्थान सिद्ध शक्तिपीठ के साथ-साथ योगपीठ भी है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ जी महराज को इस मंदिर से काफी लगाव है अतः वह यहाँ अक्सर आते जाते रहते है। उन्होंने इस मंदिर के विकास के लिए अबतक तमाम कार्य भी किये हैँ। लोग अपने बच्चों के मुंडन संस्कार के लिए यहां आते है। इसके लिए यहां बालदान पवित्र माना जाता है। यह मंदिर तुलसीपुर शहर के पश्चिम में स्थित है। तुलसीपुर बस के जरिए बलरामपुर के जिला मुख्यालय से जुड़ा है और बलरामपुर से 25 किमी. की दूरी पर है।

नवरात्र मे यहाँ आने जाने के लिए कई मेला स्पेशल ट्रेन भी चलाई जाती है जिसके जरिये भक्त यहाँ आते जाते है। बढ़नी या गोण्डा की तरफ से ट्रेन से आने वाले भक्त यहाँ तुलसीपुर स्टेशन पर उतरकर पास के इस मंदिर तक आते जाते है। वैसे तो यहाँ हमेशा पुलिस टीम तैनात रहती है लेकिन नवरात्र मे सुरक्षा की ख़ास व्यवस्था की जाती है। वाहन पार्किंग के साथ साफ सफाई, पेयजल, इलाज, दूकान आदि का समुचित प्रबंध यहाँ हरदम रहता है।