दो टूक, गोण्डा- जिले के वजीरगंज ब्लॉक की ग्राम विकास अधिकारी सुनीता मौर्या के खिलाफ लापरवाही और घूसखोरी के गंभीर आरोपों के बाद प्रशासन ने कड़ा कदम उठाया है। इस मामले में सुनीता मौर्या को वर्ष 2024-25 के लिए मध्यावधि प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। मामला तब सामने आया जब परसिया मदरहा गांव के निवासी भगौती प्रसाद ने अपनी स्वर्गीय माता रामलली का मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आवेदन किया था, लेकिन एक महीने से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद उन्हें प्रमाण पत्र नहीं मिला।
शिकायतकर्ता भगौती प्रसाद ने आरोप लगाया कि 29 जुलाई 2024 को आवेदन करने के बावजूद प्रमाण पत्र जारी करने में जानबूझकर देरी की गई। यह भी बताया गया कि आवेदन को 30 जुलाई को उप जिलाधिकारी तरबगंज से खंड विकास अधिकारी के पास भेजा गया था, लेकिन उसके बाद भी सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) के माध्यम से इसे 22 अगस्त को ग्राम विकास अधिकारी सुनीता मौर्या को सौंपा गया। इसके बावजूद प्रमाण पत्र जारी करने में जानबूझकर देरी की गई।
इतना ही नहीं, भगौती प्रसाद ने यह भी आरोप लगाया कि ग्राम पंचायत अधिकारी उज्जवल कुमार, जो सुनीता मौर्या के पति हैं, ने प्रमाण पत्र जारी करने के एवज में उनसे पैसे की मांग की। वह लगातार एक महीने से कार्यालय के चक्कर लगा रहे थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी। भगौती प्रसाद ने बताया कि वह मजदूरी करते हैं और बार-बार कार्यालय आने-जाने के कारण उन्हें आर्थिक और मानसिक परेशानी झेलनी पड़ी।
मामला जिला विकास अधिकारी के संज्ञान में आने के बाद तेजी से जांच की गई और 9 सितंबर 2024 को मैन्युअल रूप से मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया, जबकि 22 सितंबर 2024 को इसे ऑनलाइन भी जारी किया गया। इसके बाद 24 सितंबर को भगौती प्रसाद को उनके घर जाकर प्रमाण पत्र सौंपा गया, 25 सितंबर को भगौती प्रसाद ने खुद मुख्य विकास अधिकारी के समक्ष उपस्थित होकर प्रमाण पत्र मिलने की पुष्टि की और उन्हें परेशान किए जाने की जानकारी दी।
शासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों के विपरीत आचरण और अपने पदीय दायित्वों के प्रति लापरवाही बरतने के आरोप में सुनीता मौर्या के खिलाफ कार्यवाही की गई। मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन ने सुनीता मौर्या को उनके कर्तव्यों के प्रति लापरवाही और उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना के लिए प्रतिकूल प्रविष्टि दी है।
सीडीओ अंकिता जैन ने कहा कि जनपद में जन्म प्रमाण पत्र व मृत्यु प्रमाण पत्र मैनुअल तरीके से न जारी किये जायें सभी प्रमाण पत्र ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ही जारी किए जाएं। जन समस्याओं के निस्तारण में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकारी कार्यों में देरी और भ्रष्टाचार को लेकर कठोर कदम उठाए जाएंगे।