लखनऊ :
ओमेक्स ने महामाया योजना से बने गरीबों के आशियानो को किया जमीदोज।।
दो टूक : लखनऊ के थाना पीजीआई क्षेत्र के अमोल गांव में महामाया गरीब आवास योजना के अंतर्गत बने दो मकानों को सोमवार की देर रात ओमैक्स के कर्मचारियों ने बुल्डोजर चला कर जमींदोज कर दिया।आरोप है कि तोडे़ गये मकानों में रह रहे परिवारों को बगैर लीगल नोटिस या आदेश के ओमैक्स ने रात के अंधेरे का फायदा उठा कर मकानों को तोड़ दिया है।
घटना के समय दोनों परिवार जिसमें से एक दिव्यांग है और बोल नहीं सकता,अन्य भाइयों के घर सोने के लिए चले गए थे।
रायबरेली रोड पर गर्व बिल्टेक प्रा०लि० ओमैक्स मैट्रो सिटी के नाम से हाइटेक कालोनी का विस्तार कर रहा है।भूमि अधिग्रहण में आस पास के गांव और उनकी तमाम जमीनें ओमैक्स कालोनी के दायरे में शामिल हैं।इसी विस्तार में कल्ली पश्चिम का अमोल गांव भी नियोजित है।इसी गांव के रहने वाले गुरु प्रसाद और दीनदयाल के परिवारों को ओमैक्स ने बेघर कर दिया है।
पीड़ितों का कहना है कि वर्ष 2008 - 2009 में महामाया गरीब आवास योजना के अंतर्गत उनके आवास चयनित हुए थे। और तभी से दोनों परिवार गांव से बाहर योजना से मिले पैसों से घर बना कर रह रहे थे।दोनों ही परिवार गंभीर आर्थिक स्थिति से गुजर रहे हैं, यही नहीं पीड़ित दीन दयाल फालिज का शिकार है,और पूरी तरह बेरोजगार भी है।
ना मुकदमा ना ही नोटिस,बगैर परमिशन चलवा दिया बुलडोजर।
कानून किसी भी रिहायशी मकान को बगैर न्यायालय की सहमति के गिरने का आदेश नहीं देता,लेकिन पीड़ित परिवारों ने आरोप लगाया है कि ओमैक्स के कर्मचारी कुलदीप सिंह,बादशाह और दीपू वर्मा ने अन्य कर्मचारियों के साथ मिल कर रात के अंधेरे में उनके घरों पर बुलडोजर चलवा दिया है।परिवारों को मकान खाली करने की नोटिस तक भी नहीं दी गयी।मलबे में गरीबों की गृहस्थी भी दब कर बरबाद हो गयी है।
मामले पर पीड़ित दोनों परिवारों ने पीजीआई पुलिस से शिकायती पत्र देकर मदद की गुहार लगाई है।वहीं ओमैक्स के प्रोजेक्ट मैनेजर मनोज तिवारी का कहना है कि सरकारी जमीन पर आवास बने होने के बावजूद दोनों परिवारों को पूर्व में मुआवजा दिया जा चुका है, बावजूद इसके दोनों परिवार जगह छोड़ने को तैयार नहीं थे।
प्रभारी निरीक्षक बृजेश चन्द्र तिवारी ने बताया कि दोनों परिवारों के प्रार्थनापत्र प्राप्त हुए हैं, मामले की जांच करा कर कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
गरीबो का आशियाना---