गोण्डा:
यातायात माह में दुश्वारियां कम नही।।
।।धानेपुर - गोंडा।।
दो टूक : हर महीने सड़क हादसे के कारण होने वाली क्षति पर नियंत्रण पाने के लिए जिला प्रशासन व परिवाहन विभाग यातायात माह के तहत जन जागरूकता का सन्देश देता है। किन्तु यह सन्देश सुर्खियां और तल्ख टिप्पणी बन कर अगले यातायात माह का इन्तजार करती नजर आती है। न तो सड़क हादसे कम होते हैं न होने वाली क्षति पर काबू पाया जाता है।
प्रशासन और परिवाहन विभाग राहों की दुश्वारियां कम करने पर ध्यान नही देता जिसके चलते हादसे की आशंका बनी रहती है।
गोंडा उतरौला मार्ग पर करीब दो वर्ष पूर्व एक टैंकर हादसे का शिकार हो गया था। इस हादसे ने वाहन स्वामी को करारी आर्थिक चोट पहुंचाई थी। हादसे के बाद से जला हुआ टैंकर सड़क किनारे खड़ा हादसों का कारण बनता रहा है लेकिन प्रशासन और परिवाहन विभाग को कोई युक्ति नही सूझ रही है।
धानेपुर नगर पंचायत में करीब दो किलो मीटर के दायरे में दर्जनों बिजली के खम्भे सड़क पर ही लगे हैं। अभी कुछ ही माह पूर्व सड़क की दोनों पटरियों पर इंटरलाकिंग लगने का काम शुरू किया गया था। बिजली विभाग जिला प्रशासन और परिवाहन विभाग इन बिजली के खम्भों को हटाने के विषय में रूचि लेता नही दिख रहा है। क्षेत्र के इस वरिष्ट युवा अधिवक्ता गणेश नाथ मिश्रा कनिष्ट उपाध्यक्ष हाईकोर्ट लखनऊ ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा की प्रशासन और परिवहन विभाग को अपनी जिम्मेदारी तय कर लेनी चाहिए। लापरवाही अपने चरम पर है। इन बिजली के खम्भों से बड़ा हादसा हो सकता है।
गोंडा उतरौला मार्ग खस्ताहाल है सड़क बने करीब आठ साल होने को हैं। इसका नवीनीकरण होने के बजाय पैच लगा कर काम चलाऊं बनाया गया बावजूद इसके सड़क पर हर जगह गड्ढे है।
ट्रांसपोर्टर पवन तिवारी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा की गिट्टी मोरंग की गाड़ियां इस रुट पर आने तो तैयार नही हैं। महंगे दामों में निर्माण सामाग्री लेनी पड़ती है। चालक इधर आने से कतराते हैं समय और मेंटेनियंस अधिक लगता है।
जन जागरूकता ज़रूरी है। इसके साथ सड़क अच्छी होनी चाहिए। यातायात में जो भी बाधाएं हैं उन्हें भी समाप्त करने पर जोर देने की ज़रूरत है।