लखनऊ :
मांगों को लेकर निष्काषित एम्बुलेंस कर्मचारियों ने कार्यालय का किया घेरा।।
दो टूक : लखनऊ के आशियाना क्षेत्र में स्थित कार्यदायी संस्था जीवीके कम्पनी के कार्यालय का 108,102 एंबुलेंस सेवा के निकाले गए सैकड़ों कर्मचारियों ने सोमवार को जीवनदायिनी स्वास्थ्य विभाग 108, 102 एम्बुलेन्स कर्मचारी संघ के बैनर तले कर्मचारियों के साथ हुए अन्याय,और संस्था से अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर घेराव किया,संस्था द्वारा किए अन्याय के विरुद्ध नारेबाजी की।संस्था के अध्यक्ष हनुमान पांडेय ने बताया कि, 108,102, आपातकाल एंबुलेंस सेवा पिछले 2012 से हर वर्ग के लोगों को सुविधाएं मुहैया करा रही है। इस एंबुलेंस में कार्य करने वाले कर्मचारी जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए पूरी तत्परता ईमानदारी, और कर्तव्य निष्ठा के साथ उत्तर प्रदेश सरकार निर्देशानुसार सेवा दे रहे हैं। चाहे कोविड काल की दो-दो लहरें हो या फिर रेल हादसा, मार्ग दुर्घटना सभी आपातकाल मे प्रदेश के लोगों की जान बचाने में अपना योगदान दे रहे है। लेकिन एबुलेंस का संचालन करने वाली कंपनी जीवीके ईएमआरआई जो अब प्रदेश में नाम बदल कर ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विस बन गई है, बर्ष 2012 से कार्यरत कर्मचारियों के वेतन का भुगतान सही तरीके से नहीं कर रही है। हालात यह है कि जबसे जीवनदायिनी संगठन का निर्माण हुआ था, उस वक्त कंपनी 12 घंटे ड्यूटी करवाने की एवज में रू 7900 प्रति माह दे रही थी। संगठन द्वारा कर्मचारियों के हक में कंपनी की कर्मचारी विरोधी पॉलिसी का विरोध किया तो सैलरी बढ़ा कर 9634 रू उसके उपरात विरोध करने पर रू 12000 प्रतिमाह वेतन दिया जाने लगा। इसके अतिरिक्त मिलने वाली सुविधाएं जैसे ईएसआई, पीएफ समय पर कर्मचारियों के खातों में जमा नहीं कर रही जिससे कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त था। पूर्व में भी कई बार इसकी सूचना संगठन ने प्रशासनिक अधिकारियों को व कंपनी के आला अधिकारियों को भी दी गई। लेकिन आज तक समस्या ज्यो की त्यों बनी हुई है। जिससे सरकार की छवि खराब हो रही हैं। नियुक्ति के समय कंपनी ईएमटी के लिए 45 हजार और ड्राइवर से 25 हजार रुपये डी डी द्वारा कंपनी में जमा कराये गए और कोरोना काल के बाद कंपनी ने प्रदेश भर में करीब नौ हजार एम्बुलेंस कर्मचारियों को कंपनी के निष्कासित कर दिया और ईएसआई और पीएफ का पैसा भी नहीं दिया गया | संघ द्वारा स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक को ज्ञापन सौपा गया था स्वास्थ्यमंत्री ने बीस दिन पूर्व कंपनी के अधिकारियो को वार्ता के माध्यम से बात सुलझाने का निर्देश दिया था लेकिन कंपनी के प्रबंधक और अधिकारियो को इस आदेश से कोई सरोकार नहीं | हम सभी की मांग है कि कंपनी निष्काषित कर्मचारियों को पुनः बहाल करे नहीं उनसे जमा कराये गए डी डी धनराशि और ईएसआई, पीएफ की जमा धनराशि निष्कासित कर्मचारियों को वापस करे | जब तक हमारी मांगे पुरी नहीं होगी यह प्रदर्शन निरंतर जारी रहेगा |