रविवार, 3 नवंबर 2024

लखनऊ : दीपमालिकोत्सव पर कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह का हुआ आयोजन।||Lucknow : Kavi sammelan and felicitation ceremony organized on Deepmalik Utsav.||

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लखनऊ : 
दीपमालिकोत्सव पर कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह का हुआ आयोजन।
दो टूक : राजधानी लखनऊ तेलीबाग में शुक्रवार को आचार्य पिंगल सभागार में पटेल जयन्ती, इन्द्रगाँधी बलिदान दिवस, दीपमालिकोतसव पर कवि सम्मेलन एव॔ साहित्यकार सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में तमाम साहित्यकारों ने बढचढ़ कर हिसा लिया । पधारे सभी साहित्यकारों, मनीषियों का कार्यक्रम आयोजक ने तहेदिल से सभी का अभिनन्दन किया।।
डाॅ0 गुर्जर लखनवी ने इजाजत लेते हुए शिरोमणि गज़लका गज़लकार  रमेश राज को अध्यक्ष   और डाक्टर  इरशाद राही को  मुख्य अतिथि अभिमन्त्रित कर मँच पर बिठाया साथ ही विशिष्ट अतिथि के रूप में रमेश चन्द्र श्रीवास्तव "रचि" अतिथि बिशिष्ट अतिथि-रायबरेली से आया हास्य कवि अमलेश कुमार, अनीता अरोड़ा जी अतिथि- विमल बैरागी और चुस्त दुरुस्त सँचालन कविवर राम शँकर वर्मा जी ने किया । इस अवसर पर सँस्थापक/अध्यक्ष  डाॅ0 एल पी *गुर्जर* लखनवी  डाॅ०  राम राज भारती को स॓स्था उपाध्यक्ष की पद सहित नवाज़ स्वागत किया। करतल ध्वनि से एक बार फिर सभागार गूँज उठा ।
कविता पाठ का प्रारंभ डाॅ0  राम राज भारती जी के से होकर गीत गजल,  मुक्तक,  छन्द  विभिन्न विधाओं पर एक से बढकर  एक चुनिन्दा रचनाएँ पेश कर सभी दर्शकों का  मन मोह लिया ।
कविता पाठ का सिलसिला राय बरेली से आये आकाश हलचल  वाकई हलचल मचा दी । अनीता अरोड़ा जी की अतुकांत कविताएं सराही गयीं । काव्य पाठ करने वालों ने  बेअदब लखनवी, डाक्टर राम राज भारती, डाक्टर इरशाद राही, डाक्टर नेहा कुमारी , उमा लखनवी, रमेश राज, डाॅ0 गुर्जरलखनवी , प्रेमशंकर शास्त्री,  नीतू श्रीवास्तव, डाक्टर  यदुनाथ सुमन, राजेन्द्र कुमार सक्षम, प्रतिभा  श्रीवास्तव, रमेश चन्द्र श्रीवास्तव रचित, राजकुमारी गुर्जर, डाक्टर अरविंद झा, कवि प्रवीण पाण्डेय जी आवारा  आदि ने अपनी चुनिन्दा कविताओं से शमाँ बाध दिया ।
 अध्यक्षीय भाषण मे रमेश राज जी सँस्था खूब बरास्ते हुए  बेहद बेहतरीन गज़ल पेशकस  सबका मन मोह लिया ।तालियों की गड़गड़ाहट सभागार एकबार फिर गूँज उठा ।
अन्त में संस्थापक/अध्यक्ष  डाॅ0 एल पी गुर्जर लखनवी और स॔रक्षिका रमा गुर्जर जी ने मंचीय अध्यक्ष समारोह के मिल प्रशस्ति पत्र/अंगवस्त्र सहित सभी साहित्यकारों का स्वागत करते हुए  अन्तत; समापन भाषण करते हुए  सभी साहित्यकारों को आते रहने की गुजारिश करते हुए  समारोह आयोजन  समाप्त कर दिया । सादर इति।