लखनऊ :
मस्कुलर डिस्ट्राफी से पीड़ित दिब्यांग बच्चों की मांगों का ज्ञापन सपा को सौपा।।
दो टूक : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सम्बोधित ज्ञापन राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल को सौंपकर मस्कुलर डिस्ट्राफी जैसे गंभीर रोग से पीड़ित दिव्यांग बच्चों के एक दल ने केन्द्र व राज्य सरकार तक इनकी आवाज पहुंचाने की मांग की है।
ज्ञापन में जानकारी दी गई है कि मस्कुलर डिस्ट्राफी एक गंभीर अनुवांशिक बीमारी है जिसमे 12 से 20 वर्ष तक बच्चों की आयु सीमा होती है। 05 वर्ष से यह बीमारी शुरू होकर संपूर्ण शरीर को अपनी गिरफ्त में ले लेती है। बच्चा चलने फिरने में असमर्थ ही नहीं अपने दैनिक कार्य करने में भी असमर्थ हो जाता है। इन बच्चों के शरीर का 85 प्रतिशत हिस्सा कार्य करना बंद कर देता है। इनकी देखभाल के लिए 24 घंटे सहायक की जरूरत होती है। परिवार आर्थिक-मानसिक बोझ से परेशान रहता है।
बताया गया कि इन बच्चों की ओर से उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री को भी सहायता एवं दवाई के लिए आवेदन दिया गया था किन्तु सरकार ने कोई सुनवाई नहीं की। इन रोगग्रस्त बच्चों के टेस्ट, प्रतिदिन होने वाली फिजियो थरैपी हाईड्रो थैरेपी, इलेक्ट्रिक व्हील चेयर, हाईड्रोलिक टेबल आदि के लिए राजस्थान, आंध्र प्रदेश, बिहार एवं उड़ीसा की सरकारों द्वारा बजट में प्रावधान करते हुए एक मुश्त धनराशि के अतिरिक्त मासिक पारिवारिक पेंशन भी दी जाती है जबकि उत्तर प्रदेश सर्वाधिक दिव्यांग बच्चों के होने पर भी उनके साथ कोई मानवीय संवेदना नहीं हैं।
इन दिव्यांगों का दर्द यह है कि जंतर-मंतर और इंडिया गेट दिल्ली में कई बार प्रदर्शन के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दवा व सहायता का आश्वासन दिया, दिया कुछ नहीं, प्रधानमंत्री कार्यालय भी मददगार नहीं हुआ। दिव्यांग बच्चों का दर्द है कि न तो केन्द्र सरकार ने दवा इलाज की कोई व्यवस्था की, नहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने मदद की।
मस्कुलर डिस्ट्राफी से पीड़ित बच्चों की मांगे है कि अन्य राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश में भी बच्चों को प्रतिमाह मासिक पेंशन मिले, बच्चों के फिजियो थैरेपी एवं अन्य आवश्यक उपकरण खरीदने के लिए एकमुश्त आर्थिक राशि प्रदान की जाए तथा बच्चों की स्पेशल देखरेल के लिए राज्य के लगभग चार जिलों में स्पेशल डे केयर केन्द्र बनवाये जाएं।
ज्ञापन देने वालों में सर्वश्री अखिलेश त्रिपाठी, भवन किशोर दुबे, सत्य प्रकाश पाठक, आरके यादव, होरी लाल पाल, सोहेल खान, सुबोध पाण्डेय, पंकज अवस्थी तथा तौफीक आलम आदि प्रमुख रहे।
ज्ञापन के साथ मस्कुलर डिस्ट्राफी के शिकार बच्चों की एक सूची भी दी है जिनमें बच्चों के पिता का नाम, जिला तथा मोबाइल नम्बर भी दर्ज है। इस सूची में सर्वश्री निखिल यादव, प्रतापगढ़, उत्कर्ष चंदौली, आदित्य प्रकाश आजमगढ़, उमंग सिंह गोण्डा, उद्वव गोरखपुर, अनिकेश चौहान मऊ, विजय मिर्जापुर, जय यादव बदायूं, सुहेल खान प्रतापगढ़, लाखे मौर्य प्रतापगढ़, गौरांग जैन आगरा, अनुराग झा फिरोजाबाद, सिद्धार्थ मथुरा, अंश कुमार जालौन, रेयांश पालीवाल गोरखपुर, प्रखर मिश्रा प्रतापगढ़, शौर्य शुक्ला प्रतापगढ़, समर्थ शुक्ला प्रतापगढ़, समर्थ रतन सिंह अलीगढ़, निर्भय अलीगढ़, प्रशांत कुमार गजरौला बिजनौर, हिमांशु पाल सिद्धार्थनगर, मो0 यासिर अम्बेडकर नगर, प्रिंस सिंह सुल्तानपुर, प्रिंस आगरा, सुमित सिंह देवरिया, दुर्गेश रस्तोगी, निधि रस्तोगी, अंजलि रस्तोगी, प्रयागराज, आर्यन राठौर आगरा, विजय मैनपुरी, कृष्णा मौर्य गोण्डा, शिवांक सिंह लखनऊ, पियूष कुमार, मयंक कुमार गाजियाबाद, वैदिक मैनपुरी, अनियांक पाण्डे, निकर्ष पाण्डेय मैनपुरी तथा अभिज्ञान, प्रशांत प्रयागराज, शिवांश पाण्डे, रूद्रांश पाण्डेय वाराणसी के नाम दर्ज है।