शुक्रवार, 15 नवंबर 2024

लखनऊ : मोबाइल चोरी का मामला,शटरिंग कारीगर को पुलिस ने दी थर्ड डिग्री।||Lucknow: Mobile theft case, police gave third degree to shuttering worker.||

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लखनऊ : 
मोबाइल चोरी का मामला,शटरिंग कारीगर को पुलिस ने दी थर्ड डिग्री।
मामला सोशल मीडिया पर तूल पकड़ने पर  पुलिस चौकी के सिपाही हुआ निलम्बित।.
दो टूक : लखनऊ के थाना पीजीआई  पुलिस टीम ने शटरिंग कारीगर को मोबाइल चोरी के आरोप मे हिरासत मे लेकर थर्ड डिग्री देकर पूछताछ की युवक की हालत बिगडऩे पर शांति भंग मे कार्रवाई कर दी। वहीं ऐसे संवेदनशील मामलों इस्पेक्टर का रवैया गूंगे बहरे जैसा रहे।
फिलहाल थर्ड डिग्री का मामला सोशल मीडिया पर तूल पकड़ने पर वरिष्ठ अधिकारी ने हेड कांस्टेबल को निलम्बित कर जांच का आदेश दिया।
विस्तार :
चोरी न कबूलने पर पीट पीटकर पुलिस ने बनाया कीमा।
मिली जानकारी के अनुसार थाना मंडियांव के फैजुल्लागंज निवासी शटरिंग का काम करने वाले रोहित तिवारी ने बताया कि पुलिस चौकी वृन्दावन योजना पीजीआई पर तैनात कॉन्स्टेबल आशुतोष सिंह ने फोन कर चौकी बुलाया और उससे मोबाइल फोन चोरी करने खरीदने की बात कबूल करने का दबाव बनाया रोहित तिवारी ने उनसे कहा कि साहब मैं चोरी नहीं करता और न ही हमारी औकात महंगा मोबाइल खरीदने की है,ठेकेदार के अंडर शटरिंग का काम करता हूं,किसी तरह ईमानदारी से बच्चे पाल रहा हूं।
पीड़ित का आरोप है कि इस बात से   सिपाही आशुतोष सिंह भड़क उठे उन्होंने कहा पुलिस क्या होती है तू जानता नहीं है।टेबल पर 7 से 8 फोन रख दिया और कहा इन सबकी बरामदगी तुम्हारे पास से दिखा कर जेल भेज दूंगा।जब रोहित तिवारी कबूलने को तैयार नहीं हुआ तो आशुतोष सिंह ने उसे चौकी के भीतर ले जाकर डंडों से बुरी तरह पीटा, पीड़ित के शरीर पर पुलिस की बर्बरता  के निशान साफ नजर आ रहे हैं।
पीड़ित का आरोप है कि उसे बिना खाना पानी दिए ले जाकर पीजीआई कोतवाली के हवालात में बंद कर दिया गया। 
इंस्पेक्टर पीजीआई रवि शंकर त्रिपाठी ने भी एक नहीं सुनी,और उनके मातहत वहां भी रात में थर्ड डिग्री देते रहे जब बात नहीं मानी तो गुरुवार को शांति भंग की कार्रवाई कर दी गई।
वीडियो में पीड़ित शासन और सरकार से न्याय की गुहार लगा रहा है।
वहीं लखनऊ पुलिस भाजपा सरकार के मनसूबों पर पानी फेरने में जुटी हुई है। एस एच ओ की मौजूदगी में निर्दोष पर पुलिस बर्बरता करती रही,  पीड़ित के शरीर पर मिले निशान साफ बयां कर रहे रात का मंजर,यह निशान सिर्फ एक सिपाही आशुतोष सिंह के मारने से नहीं आए है।
इंस्पेक्टर पीजीआई रवि शंकर त्रिपाठी से जब जानकारी चाही तो उनका कहना था कि दो लोगों को चोरी के आरोप में लाया गया था वह आपस में ही लड़ रहे थे तो शांति भंग में चालान कर दिया गया।
पीडित रोहित की बाईट-