लखनऊ :
कैंडिल मार्च निकाल कर बाल विवाह को खत्म करने का लिया संकल्प।
भारत में बाल विवाह की दर चिंताजनक : संवाद।।
।। मन्दीप ।।
दो टूक : भारत सरकार द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने हेतु संवाद सामाजिक संस्थान कैंडिल मार्च कर बाल विवाह को खत्म करने का संकल्प दिलाया। संवाद सामाजिक संस्थान पिछले कई वर्षों से बाल विवाह के मुद्दे पर कार्य करते हुए जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन के सामूहिक प्रयास से विद्यालयों व ग्राम पंचायतों के साथ मिलकर जनजागरूकता, के माध्यम से लोगों को जागरूक किया एवं बाल विवाह को रोकने हेतु प्रयास किया।
संवाद सामाजिक संस्थान सचिव अतुल तिवारी ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि इस अभियान से बाल विवाह के खात्मे की लड़ाई को और गति मिलेगी। रैली में बाल विवाह पीड़िताओं, सरकारी अधिकारियों पंचायत प्रतिनिधियों व शिक्षकों सहित बड़ी संख्या में शामिल आम लोगों ने बाल विवाह के खिलाफ शपथ ली। भारत सरकार के बाल विवाह मुक्त भारत के आह्वान के समर्थन में संवाद सामाजिक संस्थान ने लखनऊ की 50 ग्राम पंचायतों में बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता व शपथ ग्रहण कार्यक्रमों का आयोजन किया। इस दौरान मशाल जुलूस और कैंडल मार्च में बाल विवाह पीड़िताओं, महिलाओं, बच्चों व पुरुषों सहित लगभग 3000 से भी अधिक लोगों ने बाल विवाह के खिलाफ शपथ ली। पुरोहितों, मौलवियों, हलवाइयों, रसोइयों, सजावट, बैंड बाजा वालों व शादी का कार्ड छापने वाले प्रिंटिंग प्रेस के मालिकों जैसे विवाह से जुड़े सभी हितधारकों ने शपथ ली कि वे बाल विवाह संपन्न कराने में किसी भी तरह से भागीदारी नहीं करेंगे। ज्ञातव्य हो कि केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी द्वारा शुरू किए गए बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का पुरजोर समर्थन किया एवं जागरूकता कार्यक्रम में संबोधित करते हुए संवाद सामाजिक संस्थान के आलोक मिश्रा ने कहा, यह अभियान हमारे विकसित भारत के सपने को पूरा करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज वर्मा ने बताया कि यदि कहीं पर भी बाल विवाह की सूचना प्राप्त हो तो कोई भी व्यक्ति 112 नम्बर या चाइल्ड लाइन को 1098 नम्बर पर सूचित कर सकता है। कानूनी पहलुओं पर चर्चा करते हुए विनोद कुमार ने बताया कि एक सजग नागरिक के नाते हमारा दायित्व बनता है कि बाल विवाह की सही सूचना प्राप्त होने पर बालविवाह रोकथाम अधिकारी (बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी) जैसे जिलााधिकारी एंव उपजिलाधिकारी या ग्राम विकास अधिकारी को सूचना दें।