देवीपाटन मण्डल- आयुक्त देवीपाटन मंडल की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मंडलीय राजस्व वादों के निस्तारण की समीक्षा की गई। आयुक्त ने राजस्व वादो के निस्तारण हेतु मंडल के समस्त अपर जिलाधिकारी न्यायिक, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व, मुख्य राज्य अधिकारी, उप जिलाधिकारी तहसीलदार नया तहसीलदार स्तर पर लंबित एवं निस्तारित वादों के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की। उप्र राजस्व संहिता की धारा 24 के अंतर्गत जनपद गोंडा में कुल 13260 वाद दायर हुये, जिसमें से 12786 वादों का निस्तारण किया जा चुका है, जबकि 474 वाद निस्तारण हेतु लंबित पड़े है। धारा-34 के अंतर्गत 274813 वाद दायर हुये जिसमें से 265849 वादों का निस्तारण हो गया है जबकि 8964 वाद लम्बित है। धारा-80 के अंतर्गत 7294 वाद दायर हुये जिसमें से 7155 वाद का निस्तारण किया जा चुका है जबकि 139 वाद निस्तारण हेतु लंबित है।
जनपद बलरामपुर में उप्र राजस्व संहिता की धारा-24 के अंतर्गत कुल 7717 वाद के सापेक्ष 7429 वादों का निस्तारण हो जा चुका है जबकि 288 बाद लंबित पाए गए। वहीं धारा - 34 के अंतर्गत बलरामपुर में 228858 वाद दायर हुए जिसमें से 222164 वादों का निस्तारण किया जा चुका है जबकि 6694 बाद लंबित पाए गए। धारा-80 के अंतर्गत 2288 वादों के सापेक्ष 2239 वादों का निस्तारण किया गया है जबकि 49 वाद लंबित पाए गए।
जनपद बहराइच में उप्र राजस्व संहिता की धारा-24 के अंतर्गत 14938 वाद के सापेक्ष 14449 वादों का निस्तारित हो चुका है जबकि 489 वाद लंबित पाए गए। धारा 34 के अंतर्गत 363852 वादों के सापेक्ष 355497 वाद निस्तारण किए गए जबकि 8355 वार्ड लंबित पाए गए। धारा 80 के अंतर्गत बहराइच में 4311 वाद के सापेक्ष 4240 वादों का निस्तारण किया जा चुका है केवल 41 वाद लंबित पाए गए। जनपद श्रावस्ती में धारा-24 के अंतर्गत 9005 वाद के सापेक्ष 8662 वादों को निस्तारण किया जा चुका है इसमें मात्र 343 वाद निस्तारण हेतु लंबित पाए गए। धारा-34 के अंतर्गत लंबित 125655 बाद के सापेक्ष 122730 वादों का निस्तारण किया गया जबकि 2925 वाद लंबित पाए गए। वहीं धारा-80 के अंतर्गत श्रावस्ती में 928 वार्ड दायर हुई जिसमें से 899 वादों का निस्तारण किया गया मात्र 29 वाद ही लंबित पाये गये।
समीक्षा बैठक में आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने समस्त अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व, अपर जिलाधिकारी न्यायिक, मुख्य राज्य अधिकारी, उप जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी न्यायिक, तहसीलदार तहसीलदार न्यायिक को निर्देशित किया कि वह अपने अधीनस्थ न्यायालय पर लंबित पुराने वादों की विस्तृत समीक्षा करें तथा विस्तार में हो रही कठिनाइयों को जल्द दूर करते हुए वाद का निस्तारण करायें। आयुक्त ने कहा कि राजस्व परिषद के दिशा निर्देशों के क्रम में ही सभी वादों का निस्तारण किया जाए यदि किसी प्रकार में कोई आपत्ति करता है और जांच में यदि प्रथम दृष्टया ही उनका सारवान हित प्रदर्शित नहीं होता है तो उसे सरसरी तौर पर निरस्त कर दिया जाए।