गुरुवार, 12 दिसंबर 2024

गोंडा- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मना रहा शताब्दी वर्ष, संघ कार्यालय पर पूर्वी उप्र क्षेत्र के प्रचार प्रमुख ने की पत्रकारवार्ता

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गोंडा- वर्तमान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है। संघ ने यह करके दिखाया है कि बिना किसी शासकीय सहायता के, समाज के सहयोग से हिंदू समाज का भी कोई संगठन हो सकता है। विश्व इतिहास में यह किसी सामाजिक संगठन की सबसे लम्बी यात्रा है। हमने व्यक्ति निर्माण के कार्य को निरंतर जारी रखते हुए शताब्दी वर्ष में कुछ नए क्षेत्रों में काम करने का संकल्प लिया है। यह बात गुरुवार को संघ कार्यालय पर आरएसएस के पूर्वी उप्र क्षेत्र के प्रचार प्रमुख सुभाष जी ने पत्रकारों से भेंटवार्ता के दौरान कही। 

उन्होंने बताया कि वर्ष 1925 में आरएसएस की स्थापना हुई थी। अगले वर्ष विजया दशमी पर संगठन के पूरे 100 वर्ष हो जाएंगे। इस दौरान 1948, 1975 और 1992 में तत्कालीन सरकारों ने संघ पर प्रतिबंध लगाने का काम किया किंतु हम हमने सकारात्मक उद्देश्य के साथ डटे रहे और आज पूरे विश्व में संघ अपने कार्यों के बदौलत पहचाना जा रहा है। पूर्व में रामसेतु को तोड़ने का काम शुरू किया गया। अमरनाथ श्राइन बोर्ड को भंग करने की साजिश रची गई। किंतु हमने समाज के सहयोग से इसका डटकर मुकाबला किया और राष्ट्र के प्रतीक मानदंडों का अपमान करने वालों को बैकफुट पर आना पड़ा।

क्षेत्र प्रचार प्रमुख ने कहा कि शताब्दी वर्ष में संघ छह प्रमुख विषयों शिक्षा, वैचारिकी, आर्थिक, सामाजिक, सुरक्षा और सेवा पर विशेष रूप से काम कर रहा है। देश में 45 हजार स्थानों पर 70 हजार से ज्यादा शाखाएं संचालित हो रही हैं। इस वर्ष इनकी संख्या बढ़ाकर एक लाख तक पहुंचानी है। 20 हजार साप्ताहिक और 10 हजार मासिक शाखाएं भी नियमित रूप से लगाकर समाज के हर वर्ग के लोगों को जोड़ते हुए सामाजिक समरसता पर काम करने का हमारा लक्ष्य है। आज देश में प्रत्येक बिंदु पर नकारात्मक विमर्श खड़ा किया जा रहा है। हम समाज के बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों के साथ इसका जवाब दे रहे हैं और राष्ट्रहित में विमर्श को सकारात्मक दिशा में ले जाने की कोशिश लगातार जारी है। समाज के सज्जन व्यक्तियों को संगठित करने तथा सर्व समाज के लोगों को एक साथ लेकर आगे बढ़ने के लिए भी हम प्रयत्नशील हैं।

सुभाष जी ने कहा कि सभी महापुरुषों की जयंती सर्व समाज के लोगों को साथ लेकर मनाई जानी चाहिए। संघ, श्रद्धा के केंद्र मंदिरों में हिंदू समाज के सभी जाति के लोगों का प्रवेश करने, श्मशान घाट पर सभी को दाह संस्कार का समान अवसर प्रदान करने तथा पेयजल के स्रोत को समान रूप से सभी लोगों को उपभोग किए जाने का पक्षधर है। कुटुम्ब प्रबोधन के माध्यम से हम टूटते हुए परिवारों को बचाने की कोशिश भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि परिवार के सभी लोगों को सप्ताह में एक बार ही सही, किंतु एक साथ बैठकर पूजा करने, भोजन करने आदि का प्रयास करना चाहिए। हमें स्वदेशी, स्वभाषा तथा स्वभूषा पर गर्व होना चाहिए। हम स्वदेशी से स्वावलम्बन की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए हमें सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगानी होगी। बोन चाइना के बर्तन घरों से दूर रखने होंगे क्योंकि इनका निर्माण जीव जंतुओं की हड्डियों से होता है। परिणाम स्वरूप कच्चा माल तैयार करने के लिए लाखों करोड़ों जंतुओं की हत्या की जाती है। उन्होंने जल संरक्षण पर भी विशेष जोर दिया। प्रेस वार्ता में विभाग प्रचारक प्रवीण जी, जिला प्रचारक अनिल जी, नगर प्रचारक सागर जी, रणविजय जी, धर्मेंद जी, राघवेंद्र ओझा आदि उपस्थित रहे।। गोण्डा से प्रदीप पांडेय की रिपोर्ट।।