लखनऊ :
विप्र की उपेक्षा समाज में बन रही है आपदा का कारण : रामानंदाचार्य।।
◆विराट ब्राह्मण महाकुंभ में कामदगिरि पीठाधीश्वर समेत तमाम संत रहे मौजूद।।
दो टूक : लखनऊ रायबरेली रोड के उतरटिया स्थित एपी एस एकेडमी के प्रांगण में अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा (रा) व संयुक्त संगठन विप्र मोर्चा भारत के संयुक्त तत्वाधान में विराट ब्राह्मण महाकुंभ 2024 का आयोजन किया गया । आयोजन में चित्रकूट से पधारे कामदगिरी पीठाधीश्वर रामानंदाचार्य बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे । वहीं वृंदावन से पधारे शिवराज कृष्ण जी महराज, इस्कॉन मंदिर लखनऊ से स्वामी अपरिमेय श्याम दास जी महराज, महामंडलेश्वर स्वामी कृष्णानंद जी महराज, पीठाधीश्वर तुलसी पीठ स्वामी श्री श्री तुलसी महराज जी जी जैसे तमाम मंचासीन संत मंच की शोभा बढ़ा रहे थे । इस मौके पर आयोजन में पहुंचे उत्तर प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, राज्य सभा सांसद डॉ० दिनेश शर्मा, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश रंगनाथ मिश्र, पूर्व पुलिस महानिदेशक सूर्य प्रकाश शुक्ल, पूर्व न्यायाधीश पांडे जैसे तमाम बड़ी हस्तियों ने मंच पर बैठे संतों का माल्यार्पण कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया । इस मौके पर कामदगिर के पीठाधीश्वर रामानंदाचार्य जी ने कहा कि सतयुग् रहा हो या द्वापर रहा हो या फिर त्रेता युग रहा हो, हर युग में ब्राह्मण का सम्मान होता रहा है, लेकिन कलयुग के वर्तमान में ब्राह्मणों की उपेक्षा हो रही है । यही कारण है वैश्विक स्तर पर लोगों को घोर प्रकृति में आपदा का सामना करना पड़ रहा है, जबकि ब्राह्मणों के पास ऐसी आपदाओं को रोकने की शक्ति ब्राह्मण के मंत्र और हवन में विद्यमान है । पीठाधीश्वर रामानंदाचार्य ने अपने संबोधन में उपनयन संस्कार के महत्व को वर्णित करते हुए कहा हमें जनेऊ, चोटी, रोटी और बेटी की रक्षा करनी होगी । ब्राह्मणों को अपने संस्कार नहीं भूलने चाहिए । जब ब्राह्मण ही अपने संस्कारों से विमुख होगा तो अन्य जातियों को क्या संदेश देगा । उन्होंने प्रभु श्रीराम का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान परशुराम का जनेऊ देख प्रभु श्रीराम हांथ जोड़कर खड़े हो गए थे, ऐसे में प्रत्येक ब्राह्मण के मस्तक पर तिलक, सर पर चोटी और कंधे पर जनेऊ अवश्य होना चाहिए । इस मौके पर आयोजन में मौजूद रहे उपमुख्य मंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि ब्राम्हणों की चार मांगों भगवान श्रीपरशुराम जी की जयंती पर अवकाश व सवर्ण आयोग के गठन जैसी मांगों को उचित माध्यम से उचित स्थान पर पहुंचा कर पूरा करने का प्रयास किया जाएगा । आयोजन में मौजूद रहे राज्य सभा सदस्य डॉ० दिनेश शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमें अपने संस्कार नहीं भूलने चाहिए बच्चों के जन्मदिन के अवसर पर केक काटने के बजाय चाहिए हवन और पूजन करने के लिए प्रेरित करना चाहिए । इस मौके पर उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता व ब्राह्मण नेता शिव प्रकाश मिश्रा सेनानी ने कामदगिरि के पीठाधीश्वर रामानंदा चार्य को प्रतीक चिन्ह भेंट कर समाज में शांति व एकता के लिए उपाय करने का अनुरोध किया । पीठाधीश्वर रामानंदाचार्य ने ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र त्रिपाठी को मथुरा वृंदावन धाम से आई पगड़ी पहना कर सम्मानित किया ।