लखनऊ :
प्रमोद तिवारी ने कहा कि सीमा पार से हो रही मादक पदार्थों की तस्करी चिंताजनक है।
दो टूक : राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने देश मे अवैध मादक पदार्थो की सीमा पार से हो रही तस्करी को राष्ट्रीय सीमा सुरक्षा के लिए खतरनाक ठहराते हुए चिंताजनक करार दिया है। वही उन्होने बिजली गिरने से होने वाली आकस्मिक मौतों को केन्द्र सरकार से इसे दैवीय आपदा घोषित करने की भी जोरदार मांग उठायी है।
विस्तार :
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने
राज्यसभा मे शुक्रवार को मादक द्रव्यों के सेवन से उत्पन्न संकट पर शून्यकाल मे सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हुए इसे देश के शारीरिक और सामाजिक तथा आर्थिक पहलू के साथ स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव करार देते हुए चिंता जाहिर की है ।
उन्होने सदन मे दिये गये वक्तव्य मे नेशनल ड्रग डिपेंडेन्ट ट्रीटमेंट रिपोर्ट का हवाला देते हुए देश की आबादी के दस से पचहत्तर वर्ष तक के करीब बीस प्रतिशत लोगों को किसी न किसी नशे का आदी होना गहरी चिन्ता का विषय ठहराया है। वहीं राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने सरकारी एजेन्सी की भी रिपोर्ट का राज्यसभा मे उल्लेख करते हुए कहा कि अवैध ड्रग कारोबार का आकार लगभग तीस हजार करोड़ आंका जाना भी भयावह है। उन्होने कहा कि वर्ष दो हजार चैदह से दो हजार तेईस तक नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा जब्त किये गये नशीले पदार्थो की मात्रा में लगभग सौ प्रतिशत वृद्धि होना भी मौजूदा सरकार की अक्षमता उजागर करता है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने इस बात पर गहरी चिन्ता जतायी है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमाओ से ड्रग तस्करी के कई मामले सामने आये हैं। उन्होने कहा कि नशीली दवाओं की तस्करी से देश की सीमा सुरक्षा को भी खतरा पैदा हो रहा है। उन्होने कहा कि देश के प्रमुख भारतीय शहर इस समय सिंथेटिक्स ड्रग से भरे पड़े है। बतौर उदाहरण उन्होने कहा कि नशा की गिरफ्त मे होने वाली मौतो के सरकारी आंकडे मे सबसे ज्यादा मौत उत्तर प्रदेश तथा राजस्थान और कर्नाटक मे होना अत्यन्त मर्माहत करने वाला है। वही इन आंकडो मे तीस से पैतालिस साल आयु के लोगो की संख्या सबसे ज्यादा होने को नशे के कारण कई परिवारों के सामने उत्पन्न संकट को देखते हुए सरकार से मादक पदार्थो की तस्करी रोकने के लिए कडे कदम उठाए जाने पर भी जोर दिया है। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने तंज कसा कि ड्रग सप्लाई के मामले में गुजरात के मुन्द्रा पोर्ट का नाम सामने आता है। उन्होने कहा कि अदाणी के द्वारा संचालित हो रहा यह बंदरगाह नशे की सप्लाई को लेकर बदनाम हो चुका है। बतौर उदाहरण उन्होने सदन को बताया कि मुन्द्रा बंदरगाह से इक्कीस हजार करोड़ की ड्रग्स बरामदगी का शर्मनाक पहलू उजागर हो चुका है। उन्होने कहा कि इसके बाद भी सरकार इस बंदरगाह को लेकर कार्रवाई से आखिर क्यूं कतरा रही है। उन्होने कहा कि देश जानना चाहेगा कि ड्रग्स तस्करी को लेकर सीमा पार पाकिस्तान व अफगानिस्तान से मिल रही रिपोर्ट के आधार पर आखिर वहां से किनके रिश्ते है? विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने तगड़ा आरोप जडते हुए कहा कि अदाणी जैसे पूंजीपति मित्र की मुनाफाखोरी के चलते हजारो हजार करोड की ड्रग्स की अवैध कारोबारी के पर्दाफाश होने के बावजूद भाजपा सरकार लोगों के जीवन तक का जोखिम उठा रही है। उन्होने सरकार से कहा कि वह नशीले पदार्थो से लोगो को बाहर लाने के लिए लघु और दीर्घकालिक इलाज के प्रबन्धों के साथ नशामुक्ति के बाद पुर्नवास के प्रबन्ध भी सुनिश्चित करे। वही उन्होने सरकार से कहा कि नशे की मानसिक बीमारी को लेकर सरकारी स्तर पर जागरूकता की भी सार्थक पहल अविलम्ब होनी चाहिए। राज्यसभा मंे विशेष उल्लेख के नियम के तहत विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने बिजली गिरने से होने वाली मौतो की संख्या मे भी बढोत्तरी को गंभीर करार दिया। उन्होने सरकार से कहा है कि बिजली गिरने से ज्यादातर हो रही उच्च मृत्युदर मे मुख्य रूप से कृषि श्रमिको और बाहर काम करने वाले मजदूरो को आपदा से पीडित कर रही है। उन्होने सरकार से कहा कि वह बिजली गिरने से होने वाली मौतों को दैवीय आपदाओ की सूची मे शामिल करे। उन्होने कहा कि इस मौजूदा समय मे सम्बन्धित राज्य सरकारो द्वारा पीडितो के परिजनो को दिया जाने वाला मुआवजा बेहद अपर्याप्त है। उन्होने कहा कि देश में बिजली गिरने की चेतवानी प्रणाली का अभाव भी सरकारी तंत्र की लापरवाही का द्योतक है।