शनिवार, 28 दिसंबर 2024

सुल्तानपुर :डॉ व्यथित ने अपने समय के सत्य को रेखांकित किया:डॉ ओंकारनाथ द्विवेदी।||Sultanpur:Dr. Vyathit underlined the truth of his time: Dr. Omkarnath Dwivedi.||

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सुल्तानपुर :
डॉ व्यथित ने अपने समय के सत्य को रेखांकित किया:डॉ ओंकारनाथ द्विवेदी।
दो टूक : देश के गुजरात प्रांत में जाकर हिन्दी शिक्षा एवं साहित्य की अलख जगाने वाले जनपद के प्रसिद्ध साहित्यकार स्मृतिशेष डॉ० जयसिंह 'व्यथित' की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन कादीपुर क्षेत्र के ग्राम रानेपुर में किया गया। इस कार्यक्रम में जनपद के अनेक साहित्यकारों ने डॉ० जयसिंह 'व्यथित' को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। अवधी के प्रसिद्ध कवि लोकभूषण डॉ० आद्या प्रसाद सिंह 'प्रदीप' जी के आवास पर आयोजित इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में अध्यक्षता करते हुए संत तुलसीदास पीजी कॉलेज के पूर्व संस्कृत विभागाध्यक्ष  डॉ० सुशील कुमार पांडेय साहित्येंदु ने कहा कि डॉ० जयसिंह 'व्यथित' का साहित्य समाज को रोशनी देने वाला साहित्य है । उनका साहित्य मानवी संबंधों को ऊष्मा देता है और दिलों को जोड़ता है। मुख्य अतिथि हनुमान सिंह 'अभिषेक' ने कहा कि डॉ० जयसिंह 'व्यथित' की यश गाथा उनके कृतकर्म को प्रमाणित कर रही है । उनका यश: शरीर उनके कृतित्व से प्रकाशित और सुभाषित है। मुख्य वक्ता के रूप में अभिदेशक पत्रिका के सम्पादक डॉ० ओंकारनाथ  द्विवेदी ने कहा कि डॉ० व्यथित ने अपने समय के सत्य को नए संदर्भ में रेखांकित किया है जो उनको कालजयी लेखक सिद्ध करता है। वह खड़ी बोली,अवधी और गुजराती के श्रेष्ठ रचनाकार थे। प्रख्यात कहानीकार एवं बाल साहित्यकार 'चित्रेश' जी ने कहा कि हर युग का एक सत्य होता है और डॉ० व्यथित ने अपने समय के सत्य को बेहतरीन ढंग से व्यक्त किया है।  आलोचक सुरेश चंद्र शर्मा ने कहा कि डॉ व्यथित का समग्र रचना कर्म मानवता का विशाल दस्तावेज है। डॉ० करुणेश प्रकाश भट्ट ने कहा कि डॉ व्यथित ने अनेक विधाओं में सृजन करके हिंदी गद्य और पद्य साहित्य को समृद्ध किया है। डॉ० आद्या प्रसाद सिंह प्रदीप,अवनीश प्रताप पांडेय, हरिनाथ शुक्ल हरि,  श्री नारायण लाल श्रीश, श्याम नारायण श्रीवास्तव, हरिगोविन्द सिंह, डा० ओम अनादि गुप्ता, संग्राम सितारे हिन्द जी  ने भी 'व्यथित' जी के व्यक्तित्व और साहित्य पर अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का सफल संचालन साहित्यकार डॉ० रामप्यारे प्रजापति ने किया। अतिथियों के प्रति आभार प्रदर्शन आयोजक पवन कुमार सिंह ने  किया। इस अवसर पर राजेंद्र प्रसाद पांडेय, देवीप्रसाद सिंह, शैलेन्द्र सिंह, आदर्श पांडेय,  समेत अनेक साहित्यकार उपस्थित रहे। सभी ने व्यथित जी को पुष्पांजलि समर्पित किया|