सोमवार, 27 जनवरी 2025

लखनऊ :महापुरुषों को समर्पित 34वें गाँधी पुस्तक मेले का हुआ शुभारंभ।||Lucknow:The 34th Gandhi Book Fair dedicated to great men was inaugurated.||

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लखनऊ :
महापुरुषों को समर्पित 34वें गाँधी पुस्तक मेले का हुआ शुभारंभ।
● महापुरुषों के नाम पर भी रेल प्रशासन कर रहा है धनउगाही।
दो टूक : उत्तर रेलवे चारबाग के सर्कुलेटिंग एरिया में गणतंत्र दिवस के मौके पर रविवार 18 दिवसीय 34वें गांधी पुस्तक मेले का आयोजन बड़े धूमधाम से किया गया । कार्यक्रम की शुरुआत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रही प्रसिद्ध लोकगायिका व पद्मश्री सम्मान से सम्मानित मालिनी अवस्थी ने फीता काट कर किया । इस मौके पर व्यापार मंडल अध्यक्ष संदीप बंसल व जयनारायण पीजी कॉलेज के प्रधानाचार्य विनोद चंद्रा बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे । आयोजन में मौजूद अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका स्वागत किया गया । इस मौके पर मुख्य अतिथि मालिनी अवस्थी ने अपने उद्बोधन में सर्वोदय साहित्य व अखिल भारतीय सर्वोदय प्रचार प्रसार ट्रस्ट द्वारा आयोजित ऐतिहासिक गांधी पुस्तक मेले की प्रशंसा करते हुए कहा कि चारबाग रेलवे परिसर में पिछले 27 वर्षों आयोजित किया जा रहा ऐतिहासिक पुस्तक मेला प्रशंसनीय हैं । उन्होंन संयोजक नीरज अरोरा की प्रशंसा कर उन्हें बधाई देते हुए गांधी जी के विचारों को पूरे विश्व में फैलाने पर बल देते हुए कहा कि महापुरुषों के जीवन दर्शन पर आधारित यह पुस्तक मेला उसी की एक कड़ी है । मेले में उपलब्ध भारतीय महापुरुषों के जीवन दर्शन समेत साहित्यिक पुस्तकें धर्म, दर्शन, बाल साहित्य और भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने वाली पुस्तकें समाज का मार्गदर्शन करेंगी । आयोजन में मौजूद प्रो० विनोद चंद्रा ने कहा कि पुस्तक मेले से न केवल गांधी जी के विचार जन-जन तक पहुंचेंगे, बल्कि हमारे समाज को भारतीय संस्कृति, सद्भाव और एकता को जागरूक करने का एक उत्कृष्ट माध्यम है । इस मौके पर संदीप बंसल ने कहा कि इंटरनेट के इस युग में पुस्तक मेलों की प्रासंगिता और भी बढ़ जाती है । आयोजन में गुमनाम हिंदू राजा टिकैतराय के मशहूर लेखक व पत्रकार नवल कांत सिन्हा, डॉ बलवंत सिंह, कवि सूर्य प्रकाश सूरज, शायर हर्षित मिश्र समेत तमाम रेलवे कर्मचारी स्थानीय लोगों व यात्री मौजूद रहे । गांधी पुस्तक मेला के संयोजक व दिव्यांश पब्लिकेशंस के प्रबंध निदेशक नीरज अरोड़ा ने कहा कि यह पूरे देश में एक तरह का अनूठा पुस्तक मेला जो सिर्फ और सिर्फ लखनऊ में लगता आ रहा है । 26 जनवरी से प्रारंभ होकर 12 फरवरी के मध्य तक चलने वाले पुस्तक मेले से समाज को एक नई दिशा और दशा मिलेगी ।
महापुरुषों का जीवन दर्शने वाले पुस्तक मेले से पैसे वसूल रहा है रेल प्रशासन :
इतिहास के पन्नों की माने तो मोहनदास करमचंद गांधी और जवाहर नेहरू की पहली मुलाकात चारबाग रेलवे परिसर में स्टेशन के सामने हुई थी । मौका था वर्ष 1916 में लखनऊ में आयोजित कांग्रेस अधिवेशन का । इन्हीं बातों के दृष्टिगत चारबाग रेलवे स्टेशन के बाहर बीते कई वर्षों से महात्मा गांधी समेत भारत में के वीर सपूतों के जीवन को दर्शाने के लिए पुस्तक मेले का आयोजन होता चला आ रहा है । ऐसे आयोजनों और पुस्तक मेलों से जहां हमारी पीढ़ी को भारत मां के वीर सपूतों के जीवन का दर्शन होता है और लोगों को जीवन जीने की प्रेरणा मिलती हैं । वहीं भारतीय रेल प्रशासन ऐसे आयोजनों से भी जमीन के किराए के नाम पर धन उगाही में जुटा हुआ है ।