गोण्डा- 'होनहार बिरवान के होत चिकने पात' य़ह कहावत गोण्डा जिले की एक होनहार और नन्ही बच्ची पर सटीक बैठती है। यह बिटिया आजकल जनपद मे चर्चा का विषय बनी हुई है। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं जिले के न्यू इंदिरा नगर कॉलोनी गोण्डा में रहने वाली महज 4 साल की बच्ची आद्या मिश्रा की। आद्या जो की गोण्डा नगर के एक निजी स्कूल में LKG की छात्रा है और अपनी कक्षा में बेहतर प्रदर्शन करती है। इसके अलावा विभिन्न गतिविधियों में वह एक्टिव रहती है। इतना ही नहीं बच्ची ने अपनी मेधा का परिचय देते हुए भारत के संविधान की आत्मा और कुंजी कहे जाने वाले प्रस्तावना को कंठस्थ कर लिया और महज 38 सेकंड के अंदर वह प्रस्तावना को मौखिक सुना देती है।
बता दे की हमारे देश के संविधान की प्रस्तावना के शब्द अत्यंत जटिल और व्यापक अर्थ से परिपूर्ण है जिसे एक वयस्क को पढ़ने और कंठस्थ करने में भी समस्या आती है।
यहां तक की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले बच्चों को भी इसे याद करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। ऐसे में मात्र 4 साल की नन्ही आद्या ने इसे कंठस्थ कर अत्यंत कम समय यानी 38 सेकंड में मौखिक सुनाकर एक मिसाल कायम किया है जो सभी के लिए प्रेरणा स्रोत है।
गौरतलब है की आद्या मिश्रा जिले के ही एक शिक्षक अरुण मिश्र की पुत्री है। बच्ची की मेधा के विषय में पूछने पर पिता श्री मिश्र ने बताया की वह स्वयं सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे हैं ऐसे में घर पर सामान्य अध्ययन का एक माहौल पहले से तैयार है। उन्होंने बताया की इस उम्र में बच्चों की स्मरण शक्ति काफी तीव्र होती है जिससे बच्चे जो कुछ भी कंठस्थ करना चाहे वह कर सकते हैं, बस आवश्यकता है उन्हें सही दिशा देने और मार्गदर्शन करने की।