शनिवार, 18 जनवरी 2025

अम्बेडकर नगर : कस्टमर को बिल ने देकर ब्यापारी कर रहे बिल टैक्स चोरी।||Ambedkar Nagar : Businessmen are evading bill tax by not giving bills to customers.||

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अम्बेडकर नगर : 
कस्टमर को बिल ने देकर ब्यापारी कर रहे बिल टैक्स चोरी।।
।।ए के चतुर्वेदी ।।
दो टूक :  अम्बेडकरनगर जनपद के अकबरपुर के अधिकांश व्यापारियों द्वारा जीएसटी के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। व्यापारी ग्राहकों द्वारा बिल नहीं मांगे जाने का बहाना बनाकर सामानों का बिल नहीं देते हैं तो वहीं ग्राहकों का मानना है कि यदि हम बिल नहीं लेंगे तो सामान सस्ता मिलेगा। आपको बता दें कि जीएसटी बिल लागू करते समय बड़े बदलाव की बातें कही जा रही थी, लेकिन अकबरपुर,जलालपुर,हंसवर,टांडा,आलापुर,कटहरी,शहजादपुर सहित आसपास के कारोबारियों के पुराने ढर्रे पर ही सामान की बिक्री की जा रही है। ग्राहक चाहें जितने की खरीददारी कर लें उसे पक्का बिल नहीं दिया जाता। हद तो तब हो जाती है जब ज्यादा चतुर व्यापारी पक्के बिल के नाम पर सामग्री के दाम कुछ और बढ़ जाने की बात कहते हैं जिससे ग्राहक बिना बिल के संतुष्ट हो जाता है कम पढ़े लिखे लोगों को बचत के नाम पर पक्का बिल देने की बजाये सादे कागज व ईबुक पर लिखकर दे दिया जाता हैं। दरअसल, बिलिंग के आधार पर ही सरकारी खजाने में टैक्स जमा होता है लेकिन व्यापारियों द्वारा टैक्स चोरी करने के लिए बिल नहीं काटे जा रहे हैं। आखिर कब वाणिज्यकर अधिकारी क्षेत्र में उक्त जायजा लेंगे । जो भी व्यापारी बिल नहीं दे रहे हैं क्या उन पर कार्रवाई की जाएगी यह अपने आप में बड़ा और अहम सवाल है। आयकर और वाणिज्य कर विभाग के द्वारा समय-समय पर अभियान चलाकर टैक्स चोरी करने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है जो सिस्टम पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। लेकिन GST लागू होने के बाद से किसी भी कारोबारी के यहां विभाग के द्वारा कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है। जबकि क्षेत्र में प्रतिदिन करोड़ों का व्यापार किया जा रहा है। शासन ने भले ही मेडिकल व अन्य दुकानों में दवा व समागरी खरीदने पर ग्राहकों को पक्का बिल देना अनिवार्य कर दिया है लेकिन इसका भी पालन क्षेत्र में नहीं हो पा रहा है। अधिकांश मेडिकल दुकानों व अन्य फैक्टरियो के संचालक इसकी अनदेखी कर रहे हैं। दवा की खरीदारी व अन्य समागरी पर पक्का बिल नहीं देकर सादी पर्ची पर सिर्फ दवा व सामान का दाम जोड़कर दे देते हैं। पक्का बिल मांगने पर दवा व अन्य समागरी नहीं देने और परेशान करने लगते हैं। क्षेत्र में ड्रग इंस्पेक्टर भी जांच पड़ताल करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। इससे सरकार को लाखों रुपये के राजस्व की क्षति हो रही है। इसी तरह आभूषणों, इलेक्ट्रॉनिक, खाद-बीज, दवाईयां, किराना,भूषणों, इलेक्ट्रॉनिक, खाद-बीज, दवाईयां, किराना, गल्ला व्यापारी, आदि की दुकानों पर ग्राहक को अधिकांश जगह पर कच्चा व ईबुक की बिल ही मिलता है लेकिन दुकानदार अपने रिकॉर्ड पर पक्के बिल ही काटता है। सूत्रों की मानें तो दुकानदारों द्वारा पक्का बिल इसलिए नहीं दिया जाता हैं कि सामान में गुणवत्ता संबंधित कोई समस्या हो तो बिल के आभाव में कहीं शिकायत का दावा भी नहीं किया जा सकता। सबसे बड़ा सवाल कि क्या अब उपभोक्ताओं को बिल, टैक्स चोरी से बचा पाएंगे जिम्मेदार अधिकारी? क्यों कि क्षेत्र के अधिकांश व्यापारियों द्वारा GST के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है।