अम्बेडकरनगर :
फार्मर रजिस्ट्री के नाम पर ठगे जा रहे किसान।
।। ए के चतुर्वेदी ।।
दो टूक : अंबेडकरनगर जनपद के गांव को डिजिटल बनाया जा रहा है। लाखों रुपये खर्च कर पंचायत भवनों का निर्माण किया गया। पंचायत सहायक की नियुक्ति हुई। इसके बाद भी इसका लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है। फार्मर रजिस्ट्री के नाम पर भोलेभाले किसानों को छला जा रहा है। उनकी गाढ़ी कमाई लूटी जा रही है। 10 रुपये के काम के लिए उनसे 100 से 200 रुपये की वसूली की जा रही है। यह हम नहीं फार्मर रजिस्ट्री बनवाने वाले किसान खुद बयां कर रहे हैं।फार्मर रजिस्ट्री न बनवाने पर किसान सम्मान निधि से वंचित न होने पाए, इसके लिए 15 दिनों से गांव के पंचायत भवन में कैंप लगने का इंतजार कर रहा था। लेकिन गांव में कैंप न लगने की सूचना के बाद जलालपुर कस्बे में एक जनसेवा केंद्र पर 50 रुपये देकर फार्मर रजिस्ट्री बनवानी पड़ी। -विजय प्रजापति, चौबे का पुरा
पंचायत भवन में नहीं लग रहे कैंप
फार्मर रजिस्ट्री बनवाने के लिए गांव-गांव कैंप लगाने का दावा हो रहा है, लेकिन धरातल पर कैंप का संचालन नहीं हो रहा है। पिछले कई दिनों से तहसील और ब्लॉक के चक्कर काटकर थक हार गया। 150 रुपये देकर नगर के एक जनसेवा केंद्र से फार्मर रजिस्ट्री बनवानी पड़ी। अधिकारियों को इस पर अंकुश लगाने की जरूरत है। -सभाजीत, बड़ागांव प्रधान व सचिव नहीं दे रहे सही जवाब फार्मर रजिस्ट्री बनवाने के लिए प्रधान और ग्राम सचिव से पूछने पर कोई सही जवाब नहीं दे रहा है। गांव के पंचायत भवन में भी कैंप नहीं लगा है। ऐसे में मजबूरन जनसेवा केंद्र पर 100 रुपये देकर इस काम को पूरा कराया गया। यदि गांव में ही अधिकारी कैंप लगवाएं तो किसानों को इस समस्या से निजात मिल जाएगी। -महेंद्र यादव, इस्माइलपुर कैंप कहां लग रहे हैं, नहीं पता फार्मर रजिस्ट्री किसानोंं के लिए मुफीद साबित होगी, लेकिन इसके नाम पर किसानोंं को ठगा जा रहा है।
◆ रामकेवल यादव ने बताया कि जनसेवा केंद्र पर 200 रुपये देने की मजबूरी बनी है। कैंप कहां लग रहे हैं, इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा रही है। ऐसे में किसानों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
◆ सदानंद गुप्ता, एडीएम ने कहा कि किसी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। औचक निरीक्षण करके अवैध वसूली करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी