गुरुवार, 16 जनवरी 2025

अम्बेडकर नगर :जिला कारागार में नशा उन्मूलन विषय पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन।।Ambedkar Nagar:Legal literacy camp organized on the subject of drug eradication in the district jail.||

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अम्बेडकर नगर :
जिला कारागार में नशा उन्मूलन विषय पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन।।
।। ए के चतुर्वेदी ।।
दो टूक :.अम्बेडकर नगर जिला कारागार में गुरुवार को नशा उन्मूलन के विषय पर विधिक साक्षरता और जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अपर जिला जज और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता ने जिला कारागार का निरीक्षण भी किया।इस विधिक साक्षरता शिविर में श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्री शशिकांत मिश्र, जेल अधीक्षक, नरेश कुमार, जेलर, तेजवीर सिंह, डिप्टी जेलर, सूर्यभान सरोज, डिप्टी जेलर तथा जि०वि० से० प्रा० के कर्मचारी एवं कारागार के कर्मचारीगण, जेल पीएलवी व बन्दियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। शिविर का मुख्य उद्देश्य नशे के दुष्प्रभावों को समझाना और इसके प्रति जागरूकता बढ़ाना था।संबोधन के दौरान, भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता ने नशे को एक धीमा जहर बताते हुए कहा कि यह धीरे-धीरे व्यक्ति को मौत की ओर ले जाता है। उन्होंने कहा कि लोग अक्सर तंबाकू उत्पादों का सेवन करते हैं, जो बाद में आदत में बदल जाता है। नशे के सेवन से गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ता है, जैसे कि फेफड़ों का कैंसर और हृदय रोग। उन्होंने तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर लागू कानूनों के बारे में भी जानकारी दी, जैसे कि 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों को तंबाकू उत्पाद बेचना निषेध है।शिविर में यह भी बताया गया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार, अब "लीगल एड डिफेंस काउंसिल" को "न्याय रक्षक" और पराविधिक स्वयं सेवकों को "अधिकार मित्र" कहा जाएगा। यह बदलाव विधिक सहायता प्रदान करने में और अधिक प्रभावी साबित होगा।शिविर के बाद, अपर जिला जज ने जिला कारागार एवं जेल लीगल एड क्लीनिक का निरीक्षण किया। उन्होंने रसोईघर की साफ-सफाई और भोजन के लिए उपयोग होने वाले पदार्थों की स्थिति की जांच की। इस दौरान, उन्होंने बंदियों से बातचीत कर उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी ली और जेल अधीक्षक को निर्देशित किया कि वे बंदियों को उनकी रिहाई के अधिकारों के प्रति जागरूक करें। इसके अलावा, स्वास्थ्य समस्याओं के लिए उचित उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया गया। जेल में महिला बंदियों के साथ रह रहे बच्चों का ध्यान रखने और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया। उन्होंने बताया कि बंदियों को किसी भी प्रकार की विधिक सहायता के लिए जिला कारागार में स्थापित जेल लीगल एड क्लीनिक से संपर्क कर मदद प्राप्त कर सकते हैं।