मंगलवार, 4 फ़रवरी 2025

गोण्डा- डीएम व सीएमओ के मौजूदगी मे एचआईवी- एड्स पर आयोजित हुई जनपद स्तरीय कार्यशाला, एचआईवी/एड्स संक्रमण के तहत नाको भारत सरकार द्वारा जारी एचआईवी खतरे की लाल सूची वाले प्रदेशों में शामिल हुआ यूपी

शेयर करें:
गोण्डा- उप्र राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी के तत्वाधान में एचआईवी/एड्स विषय पर जनपद में जिलाधिकारी नेहा शर्मा की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय मेन स्ट्रीमिंग कार्यशाला का आयोजन 4 फरवरी को किया गया। इस कार्यशाला में जनपद के समस्त संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। 
कार्यशाला का उद्देश्य रहा की उप्र एचआईवी/एड्स संक्रमण के तहत नाको भारत सरकार द्वारा जारी एचआईवी खतरे की लाल सूची वाले प्रदेशों में शामिल हो चुका है, इसके प्रति जागरूक करना था। समस्त विभागों को मिलकर इस अभियान को सुदृढ बनाने एवं एचआईवी- एड्स/ टीबी/ हेपेटाइटिस को रोकने में अपनी अग्रणी भूमिका निभानी होगी। इसके तहत नाको भारत सरकार ने 18 विभागों के साथ समझौता किया है। इसके लिए जिलाधिकारी ने समस्त विभागों को एक्शन प्लान बनाने एवं उस पर कार्य करने का निर्देश जारी किया तथा हर तीन माह पर स्वयं उसका अवलोकन करने को कहा। इस कार्यशाला में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० जयगोविन्द द्वारा एचआईवी/ एड्स के तकनीकी बिंदुओं पर चर्चा की गई।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० रश्मि वर्मा ने कार्यशाला के महत्व को बताया तथा जनपद स्तर पर समस्त विभागों को आगे आने का आह्वान किया। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ० सीके वर्मा ने भेदभाव के विरुद्ध जागरूकता एवं सभी को आगे आकर सहयोग देने को कहा। राज्य स्तर द्वारा मनोनीत वाईआरजी केयर की तकनीकी विशेषज्ञ शीबा रहमान ने समस्त 18 विभागों के कार्यदायित्व को बताया एवं एक्शन प्लान पर विभिन्न बिंदुओं के साथ चर्चा की। साथ ही मण्डल पर कार्यरत दिशा यूनिट की कार्यकारिणी पर जानकारी प्रदान की। साथ ही इस कार्यशाला में दिशा यूनिट के सीपीएम विजयकान्त शुक्ल, सीएसओ आयुष सरन एवं डीएमडीओ प्रशान्त श्रीवास्तव ने एचआईवी/एड्स अधिनियम की जानकारी दी तथा उसके अन्तर्गत समाज में होने वाले भेदभाव पर विस्तृत चर्चा की। कार्यशाला में किन्नर समुदाय के मुख्य गुरु एवं उनके सहयोगी उपस्थित रहें तथा जिलाधिकारी के समक्ष बढ़-चढ़ कर विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात रखी। साथ ही किन्नर समाज के द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से एड्स के प्रति जागरूकता तथा रोकथाम की पहल करने की अपील की। साथ ही अपने लिए उभयलिंगी पहचान कार्ड की चर्चा की। उन्होंने आश्वाशन दिया कि वह घर घर जाकर इस कार्यक्रम के तहत सभी (विशेषकर गर्भवती महिलाओं) को संस्थागत प्रसव एवं एचआईवी जांच के लिए प्रेरित करने में सहयोग करेंगे। पीएलएचआईवी समुदाय से रमेश ने एआरटी सेंटर से प्राप्त दवाओं के फायदे पर अपना अनुभव साझा किया। अन्त में जनपद को टीबी मुक्त बनाने हेतु जिलाधिकारी ने वहां पर उपस्थित सभी लोगों को 100 दिवसीय टीबी मुक्त अभियान के तहत शपथ दिलाई। 
     कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग के साथ समस्त विभाग, टीआई के अभिनव श्रीवास्तव (काउन्सलर), सीएससी 2.0 सशक्तिकरण परियोजना के पीएम नृपेंद्र एवं अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।