गुरुवार, 20 फ़रवरी 2025

गोण्डा : डीएम के आदेश के बाद भी खुले में घूम रहे गौवंश।||Gonda : Cows are roaming freely even after DM's order.||

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गोण्डा : 
डीएम के आदेश के बाद भी खुले में घूम रहे गौवंश।।
◆राष्ट्रीय गौ रक्षा वाहिनी गौ सेवा संघ ने लिया संज्ञान
दो टूक : गोंडा जनपद के मुजेहना इलाके मे खुले में घूम रहे गौ वंशों को आश्रय केंद्र पहुंचाने के लिए डीएम का आदेश केवल फोटो खिंचवाने तक सीमित रह गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि डीएम के निर्देश को अमलीजापा पहनने में मुजेहना ब्लॉक के अधिकारी उदासीन बने हैं। 

छुट्टा पशुओं से एक तरफ किसानों की फसल को नुकसान पहुंच रहा है तो दूसरी तरफ सड़क पर इनके कारण अक्सर हादसे होते रहते हैं।

नगर पंचायत क्षेत्र में स्थित 33/केवीए विद्युत उपकेंद्र परिसर में घुमंतू मवेशियों का जमावड़ा रहता है। कारण ये कि आस पड़ोस के किसान मवेशियों को खदेड़ कर यहीं छोड़ जाते हैं। दिन तो ये मवेशी सड़क पर तांडव करते हैं शाम होते ही भरे भरे गेहूं में खेतों में अपनी भूख मिटाते हैं। इनमें कुछ जख्मी गाएं और बछड़े भी है जिन्हें बेसहारा छोड़ दिया गया है। इनके कारण होने वाली समस्याओं से निजात दिलाने के लिए जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बीते दिनों अधिकारियों को ऐसे मवेशियों को आश्रय केंद्र पहुंचाने का निर्देश जारी किया था। आदेश के क्रम में एकाध दिन घुमंतू मवेशियों को पकड़ने का अभियान भी चलाया गया। खंड विकास अधिकारी राजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया था कि जब तक क्षेत्र को छुट्टा पशुओं से मुक्त नहीं कर दिया जाता तब तक ये अभियान चलता रहेगा।

लेकिन इनका यह अभियान केवल फोटो सेंशन तक सिमट कर रह गया। गुरुवार को उपकेंद्र परिसर में जमा मवेशियों का वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद राष्ट्रीय गौ रक्षा वाहिनी गौ सेवा संघ की कार्यकारी जिलाध्यक्ष आशा सिंह ने इसका संज्ञान लिया और सदर एसडीएम समेत सभी अधिकारियों से वार्ता की उसके बाद खंड  विकास अधिकारी और कानून गो अशोक शुक्ला ने आश्वस्त किया कि पशुओं को आश्रय केंद्र पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

इसी बीच नगर पंचायत अध्यक्ष के खेमे से कर्मचारी भेजे गए जो पशुओं को खदेड़ कर सोहिला झील पहुंचाने में जुट गए लेकिन बालिका इंटर कालेज के पास लाठी ले कर किसान खड़े हो गए पशुओं को आगे नहीं जाने दिया।

सामयिक दृश्य से आश्रय केंद्र की व्यवस्थाओं पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं। सरकार आश्रय केंद्र पर करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा रही है लेकिन आज भी किसान, कर्मचारी और मवेशियों के बीच पकड़ने और भागने का क्रम अनवरत जारी है। महिला मोर्चा कार्यकारी जिलाध्यक्ष आशा सिंह ने कहा है जब तक व्यवस्था ठीक नहीं हो जाती है अधिकारियों से इस बारे में वार्ता होती रहेगी जरूरत पड़ने पर मुख्यमंत्री को पत्र भेजा जायेगा।