शनिवार, 22 फ़रवरी 2025

लखनऊ : अपराधियों से यारी, पीड़तों से थानेदारी नहीं चलेगी: रमाशंकर।||Lucknow : Friendship with criminals and being a police officer with victims will not work: Ramashankar.||

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लखनऊ : 
अपराधियों से यारी, पीड़तों से थानेदारी नहीं चलेगी: रमाशंकर।।
दो टूक : राजधानी लखनऊ थाना पीजीआई क्षेत्र वृन्दावन योजना पासी चौराहे से कई सामाजिक संगठनों के सैकड़ों लोगों ने
 इंकलाब, जिन्दाबाद, इंकलाब जिन्दाबाद, हर जोर जुल्म की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है, जातिवाद छुआछूत मुर्दाबाद, मुर्दाबाद, जैसे जोरदार नारेबाजी के साथ पैदल मार्च निकालकर डी०सी०पी० दक्षिणी लखनऊ के कार्यालय पर प्रर्दशन करके मा० मुख्यमंत्री को सम्बोधित 6 सूत्रीय मांग पत्र डी०सी०पी० दक्षिणी लखनऊ को सौंपा।
विस्तार :
भारतीय मूल निवासी संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व मे सामाजिक संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर शनिवार दोपहर वृन्दावन योजना से पैदल मार्च कर न्यू पुलिस लाईन कल्ली पश्चिम पहुचकर डीसीपी साउथ को मांग पत्र सौपा।।
भारतीय मूल निवासी संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष रमाशंकर भीम एडवोकेट ने कहा कि अत्तर प्रदेश में दरोगा राज चल रहा है, अनुसू‌चित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम में विवेचना पुलिस के राजपत्रित अधिकारी द्वारा किये जाने का प्राविधान है, रिपोर्ट दर्ज करते समय यदि अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम नहीं लगा है तो विवेचक दरोगा मामले में तरमीमी न करके स्वंय विवेचना करके कानून का मजाक उड़ा रहे हैं, थाना पी०जी०आई० लखनऊ में पंजीकृत मु०अ०सं०-782/24 इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है जिसमें पीड़ित पासी जाति के हैं जो अनुसूचित जाति में आते हैं तथा आरोपित गैर अनुसूचित जाति के हैं. प्राणघातक हमले का आरोप है। लेकिन विवेचक उपनिरीक्षक मोहसिन अली ने आरोपियों के बचाव में मामले को अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम में तरमीम न करके विधि विरूद्ध तरीके से स्वंय हीं पूरी विवेचना कर डाली।

राष्ट्रीय पासी महासंघ के अध्यक्ष लक्ष्मी प्रसाद रावत ने कहा कि आजादी के बाद कभी भी अनिवार्य रूप से जाति प्रमाण पत्र बनवाने का कोई अभियान नहीं चला, इसीलिये अब जाति प्रमाण पत्र को आवेदन के लिए परिवार के किसी सदस्य के नाम पूर्व में जारी जाति प्रमाण पत्र की अनिवार्यता गलत है। इसे समाप्त करके जांच के आधार पर जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाना चाहिए। उत्तर प्रदेशीय पासी जागृति मण्डल के अध्यक्ष रामकृपाल एडवोकेट ने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश पुलिस का दरोगा राजपत्रित पुलिस अधिकारी का कार्य कर रहा है तो यह कहा जा सकता है कि राजपत्रित पुलिस अधिकारी गृह सचिव का कार्य करते हैं। इसका मतलब लोकशाही पर नौकरशाही हावी है।
प्रदर्शनकारियों को केशव राम गौतम, रामफेर निराला, आर०डी० निर्माही, क्रान्ति कुमार, डा० मोहनलाल पासी, जागेश्वर प्रसाद, देवी दीन प्रधान ने भी सम्बोधित किया। प्रदर्शन में अम्बरीश कुमार एडवोकेट, दिलीप कुमार, बुद्धि लाल, आर०सी० मानस, गरिमा भीम एडवोकेट, सरिता भीम एडवोकेट, सुखदेव प्रसाद यादव, सुशीला गौतम, कैलाश चन्द्र भीम, सविता गौतम, राम आसरे, दर्शन रावत, प्रेम कुमार, श्रीमती लक्ष्मीना आदि सैकड़ों लोगों मौजूद रहे।