लखनऊ :
जीविका साथी प्रशिक्षण केंद्र का हुआ शुभारम्भ।।
दो टूक : लखनऊ के आलमबाग स्थित सिंधी गर्ल्स कालेज में जीविका साथी ट्रेनिंग सेन्टर के शुभारंभ शुभ अवसर पर जो कि एक निजी गेस्ट हाउस में आयोजित किया गया है नारी सशक्तिकरण के तहत आत्म निर्भर बनाने के लिए युवा लड़कियों को बुनियादी सिलाई, पत्थर का काम और चिकनकारी का काम सीखने कर सशक्त बनाने के लिए संस्था सहायता प्रदान कर रही है।
विस्तार:
सपनों की उड़ान फाउंडेशन की फाउंडर खुशी पाण्डेय ने बताया कि केंद्र में हम युवा लड़कियों को बुनियादी सिलाई, पत्थर का काम और चिकनकारी का काम सीखने के लिए सशक्त बनाने के लिए प्रशिक्षण और सहायता प्रदान करेंगे।
हमारा लक्ष्य युवा लड़कियों को उनके सपनों को हासिल करने और नई ऊंचाइयों तक पहुंचने में मदद करना है हमारा मानना है की सही कौशल और संसाधनों के साथ हर महिला किसी भी क्षेत्र में सफल हो सकती है। हमारे जीविका साथी प्रशिक्षण केंद्र को खोलने में हमारे साथ जुड़ें, प्रांगण में उपस्थित सभी महिलाओ से निवेदन किया कि आइए हम सब मिलकर हर महिला के सपने को हकीकत बनाएं। जीविका साथी ट्रेनिंग सेंटर चलाए जा रहे हैं जो कि प्राथमिकता से एसिड अटैक सर्वाइवर्स और विधवा महिलाओं के लिए काम कर रहें है। इस पहल को आगे लेके जाने के उद्देश्य को लेकर खुशी पाण्डेय जी द्वारा आलमबाग स्थित सिंधी गर्ल्स कॉलेज में भी जीविका साथी ट्रेनिंग सेंटर खोला गया। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि यहां पर बच्चियों को ट्रेनिंग दी जाएगी और इसमें हमारा मुख्य मकसद है कि जो लड़कियां पढ़ रही है वे पढ़ाई के साथ-साथ जीविका साथी ट्रेनिंग में भाग ले जिसमें उनको कुछ काम भी सीखने को मिलेगा। इसके चलती वे पढ़ाई के साथ कुछ सीख कर आत्मनिर्भर भी बन सकेंगी। खुशी जी की प्रेरणा, योगदान और संकल्प से जीविका साथी ट्रेनिंग सेंटर बहुत सी लड़कियों और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में मदद कर रहा है।
सोलह वर्ष की आयु से ही समाज की सच्ची सेवा के संकल्प को लेकर चलने वाली खुशी पाण्डेय अपनी संस्था को किये गये अभूतपूर्व योगदान के लिए कई प्रतिष्ठित विभूतियों द्वारा समय समय पर सम्मानित भी किया गया है, भविष्य में असहाय वृद्ध जनो के लिए ओल्ड एज होम के सपनो को लिए आज सपनों की उड़ान ने अपनी उपलब्धियों में कई कार्य किए है। खुशी पाण्डेय ने बताया कि समाज के हर जरूरतमंद के लिए जमीन और आसमान तलाशना ही संस्था का उद्देश्य है । इसी क्रम में बिंदा पाण्डेय और अखिल पाण्डेय ने अपनी संस्था के साथियों के साथ मिल कर कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाई ।