सोमवार, 10 फ़रवरी 2025

लखनऊ :आकाश एन्क्लेव मे श्रीराम कथा आयोजन।।||Lucknow: Shri Ram Katha organized in Akash Enclave.||

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लखनऊ :
आकाश एन्क्लेव मे श्रीराम कथा आयोजन।।
 राजशी वस्त्र उतारकर गुरुकुल भेष मे पहुचे चारो भाई।।
दो टूक : लखनऊ वृन्दावन योजना सेक्टर 6 ए आकाश एनक्लेव स्थित मंदिर में सोमवार को प्रभु श्री राम कथा प्रसंग में पंडित प्रिया किशोरी ने रविवार को के कथा प्रसंग प्रभु श्रीराम जन्म के बाद,भाइयों संग बड़े होकर शिक्षा के लिए गुरु आश्रम जाने का कथा प्रसंग सुनाया,कहा राजकुल में पल रहे चारों भाइयों को 5 वर्ष का होने पर गुरु वशिष्ठ के परामर्श से आश्रम भेजने की तैयारी शुरु होती है,उनके राजशी वस्त्र उतारकर आश्रम के नियम के अनुसार वस्त्र धारण कराए जाते हैं। जिन्हें इस रूप में देख माता कौशल्या सहित तीनों रानियां भावविह्वल हो जाती हैं।
आकाश इन्क्लेव में चल रही श्री राम कथा के चौथे दिन अहिल्या का उद्धार, ताड़का वध और पुष्प वाटिका प्रसंग का वर्णन किया गया। 
सोमवार कथा क़ो आगे बढ़ाते हुए पं प्रिया किशोरी ने कहा  ने कहा कि भगवान श्रीराम, लक्ष्मण, भरत एवं शत्रुघ्न शिक्षा ग्रहण करने के बाद जब वापस अयोध्या आते हैं तो वहां विश्वामित्र का आगमन होता है। वे राम और लक्ष्मण को यज्ञ की रक्षा के लिए अपने साथ ले जाते हैं। रास्ते में ताड़का राक्षसी सोई रहती है। जिसे देखकर श्रीराम विश्वामित्र से पूछते हैं कि यह भयानक शरीर वाली कौन है। विश्वामित्र बताते हैं कि यह ताड़का राक्षसी है जो साधु संतों को पकड़ कर खा जाती है। इसलिए इसका वध करो। उनके आदेश पर श्रीराम ताड़का का वध करते हैं। कथा वाचिका ने कहा कि असुरों का वध करने के बाद दोनों भाई गुरु के साथ मिथिला के राजा जनक के यहां धनुष यज्ञ में शामिल होने जा रहे थे। उन्हें रास्ते में एक आश्रम मिला जहां एक विशाल पत्थर का टुकड़ा पड़ा था। राम ने गुरु विश्वामित्र से इसके बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि यह गौतम ऋषि का विश्रामालय है। यह पत्थर उनकी पत्नी अहिल्या है, जो श्राप के कारण पत्थर हो गई है। श्रीराम ने अहिल्या का उद्धार करना चाहा, परंतु सूर्यवंश में स्त्री को पैर से छूना मना था। राम की कृपा हुई तो पवन देव ने अपने झोंकों से प्रभु के चरणों की धूल को उस पत्थर पर डाल दिया। चरण रज पाते ही पत्थर पुन: नारी हो गई। नारी रूप में अहिल्या को सम्मुख पाकर राम और लक्ष्मण ने श्रद्धापूर्वक उनके चरण स्पर्श किए। कथा संयोजक शरद निगम एवं गीता निगम ने व्यास पीठ की आरती उतारी।
आयोजक मंडल के साथ सैकड़ों भक्त शामिल हुए,महाआरती उपरांत प्रसाद वितरण हुआ।