मंगलवार, 25 फ़रवरी 2025

लखनऊ : केन्द्रीय मंत्री ने एक्सोटिक्स एंड फार्मर्स ट्रेनिंग यूनिट की रखी आधारशिला।||Lucknow: Union Minister laid the foundation stone of Exotics and Farmers Training Unit.||

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लखनऊ : 
केन्द्रीय मंत्री ने एक्सोटिक्स एंड फार्मर्स ट्रेनिंग यूनिट की रखी आधारशिला।।
दो टूक : भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी तथा अल्पसंख्यक केंद्रीय राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने मंगलवार को आईसीएआर -एनबीएफजीआर संस्थान लखनऊ का दौरा किया।और संस्थान परिसर मे एक्सोटिक्स एंड फार्मर्स ट्रेनिंग यूनिट की आधारशिला रखी साथ मे वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का सन्देश दिया।
 विस्तार:
भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी तथा अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने आईसीएआर-एनबीएफजीआर की प्रगति समीक्षा और बुनियादी ढांचे के उद्घाटन के लिए मंगलवार को संस्थान का दौरा किया । निदेशक डॉ.उत्तम कुमार सरकार द्वारा अपने वरिष्ठ अधिकारियों और विशिष्ट अतिथियों के साथ मंत्री जी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
पर्यावरणीय प्रतिबद्धता के प्रतीकात्मक संकेत के रूप में, एक वृक्षारोपण अभियान आयोजित किया गया, जिसके बाद एक्सोटिक्स एंड फार्मर्स ट्रेनिंग यूनिट (ईएफटीयू) की आधारशिला रखी गई, जिसका उद्देश्य मछली किसानों की क्षमता-निर्माण और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पहल को बढ़ाना है। इसके बुनियादी ढांचे को और मजबूत करते हुए, आईसीएआर-एनबीएफजीआर के नए मुख्य द्वार का उद्घाटन किया गया, जो संस्थान के निरंतर विकास प्रयासों को दर्शाता है। इसके बाद मंत्री महोदय को संस्थान के गंगा एक्वेरियम, लाइव फिश जर्मप्लाज्म रिसोर्स सेंटर, नेशनल फिश म्यूजियम एंड रिपोजिटरी और उन्नत अनुसंधान प्रयोगशालाओं सहित अत्याधुनिक अनुसंधान और संरक्षण सुविधाओं से अवगत कराया गया। निदेशक महोदय द्वारा संस्थान प्रगति समीक्षा प्रस्तुत करते हुए महत्वपूर्ण उपलब्धियों, अनुसंधान पहलों और राष्ट्रीय मत्स्य विकास में संस्थान के  योगदान पर प्रकाश डाला। इस आयोजन का एक प्रमुख आकर्षण जलीय पशु रोगों के लिए राष्ट्रीय निगरानी कार्यक्रम (एनएसपीएएडी) वेबसाइट का शुभारंभ और महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रकाशनों का विमोचन था, जो रोग निगरानी, जैव सुरक्षा और टिकाऊ मत्स्य प्रबंधन के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता को सशक्त करता है।
अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन ने नीली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने, जैव विविधता संरक्षण सुनिश्चित करने, तथा नवीन और टिकाऊ विधियों के माध्यम से मछली किसानों की सहायता करने में मत्स्य अनुसंधान के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने आनुवंशिक संसाधन संरक्षण में वैज्ञानिक प्रगति में संस्थान के योगदान की सराहना की तथा इसे और बढ़ाने  का आग्रह किया। यह कार्यक्रम वैज्ञानिकों के साथ एक इंटरैक्टिव सत्र के साथ संपन्न हुआ, जिसमें नीति समर्थन, तकनीकी हस्तक्षेप और भविष्य के अनुसंधान दिशाओं पर चर्चा हुई। प्रधान वैज्ञानिक डॉ. नीरज सूद द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया ।