रविवार, 9 फ़रवरी 2025

लखनऊ :संवेदनाएं ही रचनात्मकता का आधार बनती हैं : डॉ प्रदीप कुमार सिंह।||Lucknow:Sensitivities form the basis of creativity: Dr. Pradeep Kumar Singh.||

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लखनऊ :
संवेदनाएं ही रचनात्मकता का आधार बनती हैं : डॉ प्रदीप कुमार सिंह।
दो टूक : कला दीर्घा अंतरराष्ट्रीय दृश्य कला पत्रिका एवं द सेंट्रम, लखनऊ द्वारा आयोजित बसंत अखिल भारतीय चित्रकला प्रदर्शनी का रविवार को समापन हुआ।
द सेंट्रम, लखनऊ की वीथिका में आयोजित इस प्रदर्शनी का समापन करते हुए लखनऊ के संयुक्त शिक्षा निदेशक डॉ प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि संवेदनाएं सशक्त रचनात्मकता का आधार बनती हैं और यहां प्रदर्शित सभी कलाकृतियां सुखद संवेदनाओं से परिपूर्ण और संप्रेषणीय हैं। ऐसे आयोजन जहां रचनात्मकता को जीवित रखते हैं, वही समाज के लिए प्रेरणास्रोत भी बनते हैं। माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में भी ऐसी पहल करने के लिए क्यूरेटर और कला मर्मज्ञ डॉ लीना मिश्र को नेतृत्व करना चाहिए। उपस्थित कला प्रेमियों ने डॉ अनीता वर्मा, सुमित कुमार, गणेश मिश्रा, डॉ रीना गौतम, श्रद्धा तिवारी, अर्चिता मिश्र, निधि चौबे आदि की कलाकृतियों को सराहा। कलाचार्य एवं वरिष्ठ चित्रकार डॉ अवधेश मिश्र  और डॉ लीना मिश्र के सान्निध्य में इक्कीस कलाकारों द्वारा विविध विषयों पर आधारित यह प्रदर्शनी 3 फरवरी को आयोजित की गई थी जिसका समापन आज हुआ। इस अवसर पर प्रदर्शनी की क्यूरेटर डॉ लीना मिश्र के साथ दोनों समन्वयक डॉ अनीता वर्मा और सुमित कुमार, मनदीप वर्मा, गणेश शंकर मिश्रा, अजीत जायसवाल, आचार्य सुनील सक्सेना, निधि चौबे और नगर के अनेक कला प्रेमी इस अवसर पर उपस्थित थे। डॉ अवधेश मिश्र ने कहा कि कलाएं समय की दस्तावेज होती हैं और इनका रचा जाना तथा प्रदर्शन कभी रुकना नहीं चाहिए। इनकी सार्थकता और उपयोगिता समय पर छोड़ देना चाहिए। प्रदर्शनी की क्यूरेटर डॉ लीना मिश्र ने कहा कि कला दीर्घा अंतर्राष्ट्रीय दृश्य कला पत्रिका की यात्रा सतत चलती रहने वाली है।
 इसी क्रम में युवा कलाकार सुमित कुमार की प्रदर्शनी नॉस्टैल्जिया का उद्घाटन 11 फरवरी 2025 को अपर मुख्य सचिव श्री जितेंद्र कुमार द्वारा द सेंट्रम होटल में शाम 5:00 बजे किया जाएगा।