मऊ :
स्वकर प्रणाली से होने वाले लाभ एवं हानि की पालिकाध्यक्ष ने दी जानकारी।
।। देवेन्द्र कुशवाहा ।।
दो टूक : मऊ नगर पालिकाध्यक्ष ने कहा दो टूक - 30 फिट एवं 3 फिट चौड़े मार्गाें पर स्थित भवनों पर लगे समान कर यह तर्क संगत नहीं,चौथे स्लैब में होना चाहिये परिवर्नत।
विस्तार:
मऊ पालिकाध्यक्ष अरशद जमाल ने आम जनता तक स्वकर प्रणाली के सम्बदर्भ में मूल जानकारी पहुंचाने तथा इस को लेकर फैल रहे भ्रम को दूर करने के लिए गुरुवार को पालिका के बैठक कक्ष में एक प्रेस कांफ्रैंस आयोजित की जिसमें नगर के सम्मानित पत्रकारों के साथ विस्तार से चर्चा की। पालिकाध्यक्ष पत्रकारेंा के पूछे गये प्रश्नों को उत्तर देते हुये बताया कि स्वकर प्रणाली लागू होने के बाद जो भ्रम पैदा हुआ है उसको दूर करने के लिये ये प्रेस कॉन्फ्रेंस आमंत्रित की गई है। उन्होंने प्रेस के एक सवाल का जवाब देते हुये कहा कि वर्तमान में कर निर्धारण की प्रक्रिया को पहले जानना एवं समझना जरूरी है।
उन्होंने बताया कि नगरपालिका अधिनियम 1916 की सुसंगत धाराओं के तहत दी गई शक्तियों का प्रयोग करते हुये निकायों ने अपने नगरों में कर व्यवस्था लागू कर रखी है। मऊ में पूर्ववत् इस व्यवस्था के तहत रेंटल वैल्यू पर 5 प्रतिशत गृहकर और 10 प्रतिशत जलकर लिया जाता है।
रेंटल वैल्यू निकालने के निम्नवत् 3 ऑप्शन होते हैं-
नगर पालिकाध्यक्ष अरशद ने बताया कि
रेंटल वैल्यू निकालने के निम्नवत् 3 ऑप्शन होते हैं ।
अ. भूमि की लागत (रजिस्ट्री कार्यालय के सर्किल रेट से) और भवन निर्माण की लागत (लोकनिर्माण विभाग के शेड्यूल से) जोड़कर उसके 5 प्रतिशत को ही वार्षिक रेंटल वैल्यू मानी जाती है।
ब. राजस्व/कर विभाग के अधिकारी सम्बन्धित क्षेत्र का चालू रेंट मालूम करके वैल्यू निर्धारित करते है।
स. भवन के मालिक द्वारा अगर कोई भवन या स्थान किसी को किराये पर दिया गया हो तो उसके एग्रीमेंट में लिखे किराया दर के आधार पर रेंटल वैल्यू निर्धारित की जाती है।
पालिकाध्यक्ष ने स्वकर प्रणाली के सम्बन्ध में बताते हुये कहा कि स्वकर प्रणाली नगर पालिका परिषद मऊ द्वारा लागू नहीं की गयी है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश सरकार (शासन) के विशेष सचिव अरुण प्रकाश के आदेश दिनांक 04 जूलाई 2024 को निदेशक स्थानीय निकाय और नगर विकास के अनुभाग 9 को सम्बोधित करते हुये जारी किये गये हैं।
उन्होंने बताया कि 20 दिसंबर 2025 को नगर विकास मंत्रालय के प्रमुख सचिव श्री अमृत अभिजात द्वारा एक आदेश के माध्यम से स्टेप बाई स्टेप समय सीमा तय कर दी गई, जिसके अनुसार अधिशाषी अधिकारियों को किसी भी दशा में स्वकर से सम्बन्धित अन्तिम किराया दर का प्रकाशन 17 जनवरी 2025 तक करने का आदेश जारी कर दिया। इन दोनों आदेशों में स्थानीय निकाय के निदेशक के साथ मंडलायुक और जिलाधिकारी को आवश्यक कार्यवाही के भी निर्देश हुये।
अरशद जमाल ने प्रेस को बताया कि शासन का आदेश उस नियमावली को लागू करने के लिये आया जो नगर विकास विभाग द्वारा 18 नवम्बर 2019 को प्रकाशित करके आपत्तियां और सुझाव मांगे गये थे। आपत्तियों के निस्तारण के बाद सरकार ने 28 जून 2024 को इस नियमावली को महामहिम राज्यपाल की अनुमति से सरकारी गजट में प्रकाशित कर दिया और जो कानून बना उसका नाम रखा गया उ.प्र. नगरपालिका (भूमि या भवन या दोनों के वार्षिक मूल्य पर कर) नियमावली 2024।
सरकार के उक्त आदेश के क्रम में नगरपालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी ने दिनांक 23 दिसम्बर 2024 को सूचना प्रकाशित की और आपत्तियां भी मांगी। आपत्तियों पर सुनवाई के बाद निस्तारण हुआ और दिनांक 21 जनवरी 2025 को सरकारी आदेश के मुताबिक अन्तिम किराया दर का प्रकाशन कर दिया।
उन्होंने कहा कि अब मैं आपको बता दूँ कि स्वकर प्रणाली क्या है? इस नियम के तहत भवन स्वामी को स्वयं अपने आवेदन में अपना कर नियमों के अनुसार निर्धारित करना है। स्वामी द्वारा जो सूचना दी जायेगी उसी पर नगर पालिका द्वारा कर निर्धारित कर दिया जायेगा।
अध्यक्ष नगरपालिका ने बताया कि निर्मित क्षेत्र में से ज़ीना, टॉयलेट, सभी दीवारें और किचेन के क्षेत्रफल को घटा कर या कुल क्षेत्रफल में से 20 प्रतिशत घटा कर किराया दर निर्धारित किया जायेगा।
जमाल ने स्वकर प्रणाली की नियमावली में कमियों एवं खूबियों के संदर्भ में बताते हुये कहा कि हमें यह भी जानना आवश्यक है कि इसके लागू होने से क्या नुकसान एवं फायेदे हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना के लागू होने से कर निर्धारण में एकरूपता, समानता और पारदर्शिता आयेगी। जिसका कर अधिक होगा वो कम हो जायेगा और जिसका कम होगा उसका अधिक हो जायेगा। भूमि पर भी कर निर्धारित हो जायेगा। उन्होंने बताया कि जिनका कर बहुत अधिक समय पूर्व लगा होगा जब उनका भवन कम या कच्चा था पर बाद में जब उन्होंने उसे पक्का और बड़ा मकान बना लिया मगर वही पुराना कर अदा करने वालों को नुकसान होगा। इस प्रकार कर की परिधि में अब सभी लोग आजायेंगे। उन्होंने बताया कि किन्हीं कारणवश जिनका कर नहीं लग पा रहा है उनका भी कर निर्धारण हो जायेगा। भूमि पर पूर्व में कर निर्धारण नहीं हो पाता था जबकि अब हो जायेगा और विरासत के नामान्तरण की समस्या से भी छुटकारा मिल जायेगा। इस प्रााली में पुराने भवनों पर छूट का भी प्रावधान होगा। कार्पेट एरिया की माप जानने के लिये फर्शी एरिया की माप की जायेगी, जिसका मतलब ये हुआ कि दीवारें भी माप से बाहर होंगी।
पालिकाध्यक्ष ने स्वकर प्रणाली के संदर्भ में नियमानुसार जानकारी देते हुये बताया कि इस नियमावली में 4 स्लैब बनाये गये हैं। ये स्लैब मार्गों की चौड़ाई के आधार पर भवनों पर कर निर्धारण की व्यवस्था देते हैं। 24 मीटर से ऊपर चौड़े मार्ग पर, 24 से कम और 12 मीटर से अधिक चौड़े मार्ग पर, 12 मीटर से 9 मीटर के मार्ग पर और 9 मीटर से जीरो मीटर के मार्ग पर स्थित भवनों का अलग-अलग रेट निर्धारित होगा।
उन्होंने स्पष्ट करते हुये कहा कि 3 स्लैब पर मुझको कोई आपत्ति नहीं है, चौथा स्लैब 9 मीटर से जीरो मीटर तक का है, इसका मतलब ये हुआ कि जो भवन या भूमि 30 फिट के मार्ग पर स्थित है उस पर जो कर निर्धारित होगा वही कर 3 फिट चौड़े मार्ग पर स्थित भवन पर भी निर्धारित किया जाना है, जो तर्कसंगत नहीं है।
जमाल ने कहा कि हमारा यह कहना है कि सरकार को 9 मीटर से जीरो मीटर के स्लैब को खत्म कर के 2 और स्लैब, अर्थात् 9 मीटर से 3 मीटर तक और 3 मीटर से जीरो मीटर तक बनाया जाना चाहिये। अगर सरकार ने हमारी ये मांग मान ली तो 10 फिट चौड़े या उससे कम चौड़े मार्गों पर स्थित भवनों का रेट 25 से 30 प्रतिशत और कम हो जायेगा।
हमारा कहना है के जब पूरी प्रक्रिया रजिस्ट्री कार्यालय के सर्किल रेट के अनुपात में तय होनी है तो इस व्यवस्था को उसी के हिसाब से किया जाना चाहिये। इस के लिये मैंने माननीय नगर विकास मंत्री जी को एक मांग-पत्र भी दिया है और उनसे मिलकर इस सम्बन्ध में मौखिक रूप से बात की है। माननीय मंत्री जी मेरे तर्कों से सहमत भी हैं, मुझे आशा है कि इस संदर्भ में उनके द्वारा इस एक नितांत आवश्यक बदलाव करने का आदेश सम्बन्धित अधिकारियों को जल्द ही दिया जायेगा।
पालिकाध्यक्ष ने कहा कि इसी के साथ अब मैं आप को कुछ नमूनों के माध्यम से स्व कर प्रणाली के बारे में समझाना चाहता हूँ कि ये प्रणाली लागू होने के उपरान्त कैसी स्थिति होगी जिसके लिये उन्होंने चार्ट के माध्यम से बताया-
0 मीटर से 9 मीटर (30 फीट) तक चौड़े मार्गाें पर स्थित आवासीय पक्के भवनों हेतु निर्धारित दर
क्र.सं कड़ी के अनुसार स्क्वायर फीट में क्षेत्रफल का 80 प्रतिशत रेण्टल वैल्यू
17.5 प्रतिशत
(मासिक कर) वार्षिक कर
(45 पैसे स्क्वायर फीट) (60 पैसे स्क्वायर फीट) (45 पैसे स्क्वायर फीट) (60 पैसे स्क्वायर फीट) (45 पैसे स्क्वायर फीट) (60 पैसे स्क्वायर फीट)
1 10 कड़ी 435.71 348.568 156.85 रु0 209.14 रु0 27.45 रु0 36.60 रु0 329.40 रु0 439.20 रु0
2 20 कड़ी 871.42 697.136 313.71 रु0 418.28 रु0 54.89 रु0 73.20 रु0 658.79 रु0 878.39 रु0
3 30 कड़ी 1307.13 1045.704 470.56 रु0 627.42 रु0 82.34 रु0 109.80 रु0 988.19 रु0 1317.59 रु0
4 40 कड़ी 1742.84 1394.272 627.42 रु0 836.56 रु0 109.79 रु0 146.40 रु0 1317.59 रु0 1756.79 रु0
5 50 कड़ी 2178.55 1742.840 784.27 रु0 1045.70 रु0 137.24 रु0 183.00 रु0 1646.99 रु0 2196.00 रु0
0 मीटर से 9 मीटर (30 फीट) तक चौड़े मार्गाें पर स्थित खाली ज़मीन (अहाता) हेतु निर्धारित दर
क्र.सं कड़ी के अनुसार स्क्वायर फीट में रेण्टल वैल्यू
(10 पैसे स्क्वायर फीट ) 17.5 प्रतिशत (मासिक कर) वार्षिक कर
1 10 कड़ी 435.71 43.57 रु0 7.62 रु0 91.50 रु0
2 20 कड़ी 871.42 87.14 रु0 15.25 रु0 183.00 रु0
3 30 कड़ी 1307.13 130.71 रु0 22.87 रु0 274.49 रु0
4 40 कड़ी 1742.84 174.28 रु0 30.50 रु0 365.99 रु0
5 50 कड़ी 2178.55 217.85 रु0 38.12 रु0 457.49 रु0
◆ नोट:-
1. इस प्रकार से पक्के भवन (0.45 रु0 रेण्टल वैल्यू) हेतु प्रति कड़ी 32.94 रुपये एवं प्रति स्क्वायर फीट 0.76 रुपये कुल कर बनेगा।
2. इस प्रकार से पक्के भवन (0.60 रु0 रेण्टल वैल्यू) हेतु प्रति कड़ी 43.92 रुपये एवं प्रति स्क्वायर फीट 1.00 रुपये कुल कर बनेगा।
◆मऊ नगर के आस-पास के जिला मुख्यालयों जैसे मिर्जापुर, बलिया, देवरिया, अम्बेडकर नगर व आज़मगढ़ की नगर पालिकाओं का तुलनात्मक विवरण आपके समक्ष निम्नवत् प्रस्तुत है-
क्र.सं कड़ी के अनुसार स्क्वायर फीट में क्षेत्रफल का 80 प्रतिशत नगर पालिका परिषद, मऊ नगर पालिका परिषद, मिर्जापुर नगर पालिका परिषद, बलिया नगर पालिका परिषद, देवरिया नगर पालिका परिषद, अम्बेडकर नगर नगर पालिका परिषद, आज़मगढ़
(0.45 रुपये स्क्वायर फीट) (1.40 रुपये स्क्वायर फीट) (2.18 रुपये स्क्वायर फीट) (1.00 रुपये स्क्वायर फीट) (1.00 रुपये स्क्वायर फीट) (1.10 रुपये स्क्वायर फीट)
1 10 कड़ी 435.71 348.568 329.40 रु0 1024.79 रु0 1595.74 रु0 731.99 रु0 731.99 रु0 805.19 रु0
2 20 कड़ी 871.42 697.136 658.79 रु0 2049.58 रु0 3191.49 रु0 1463.99 रु0 1463.99 रु0 1610.38 रु0
3 30 कड़ी 1307.13 1045.704 988.19 रु0 3074.37 रु0 4787.23 रु0 2195.98 रु0 2195.98 रु0 2415.58 रु0
4 40 कड़ी 1742.84 1394.272 1317.59 रु0 4099.16 रु0 6382.98 रु0 2927.97 रु0 2927.97 रु0 3220.77 रु0
5 50 कड़ी 2178.55 1742.840 1646.99 रु0 5123.95 रु0 7978.72 रु0 3659.96 रु0 3659.96 रु0 4025.96 रु0
पालिकाध्यक्ष ने कहा सरकार ने स्वकर प्रणाली 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। सीमा विस्तार के उपरान्त जो नये क्षेत्र नगर पालिका में सम्मिलित हुये हैं उनमें नई कर व्यवस्था वर्ष 2028 से लागू होगी। नगर पालिका द्वारा आवेदन का प्रारुप मुफ्त में उपलब्ध कराया जायेगा। आवेदक नगर पालिका कार्यालय या अपने वार्ड सभासदों से भी निःशुल्क फार्म प्राप्त कर सकते हैं।
नगर पालिका अध्यक्ष जमाल ने बताया कि इस बारे में नगरवासियों को पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जल्दी ही स्वकर प्रणाली 2024 के सम्पूर्ण नियमावली की एक पुस्तिका छपवा कर घरों तक पहुंचाई जायेगी, ताकि भवन स्वामियों को समझने में आसानी हो जाये सर्वे के बाद प्रकाशन होगा और आपत्तियां मांगी जायेंगी। आपत्तियों के निस्तारण के बाद कर निर्धारण किया जायेगा।