सुल्तानपुर :
शिक्षा क्षेत्र को सुधारने के लिए कोई रोड मैप नहीं।।
मंहगाई और समस्याओं से नहीं मिलेगी राहत।
दो टूक : यूपी बजट पर असिस्टेंट प्रोफेसर ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि की टिप्पणी
उत्तर प्रदेश सरकार के भारी-भरकम बजट से न तो मंहगाई कम होगी न ही रोजमर्रा की विभिन्न समस्याओं से जूझ रही आम जनता को कोई राहत मिलेगी । यह बातें राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि ने कहीं।
उन्होंने बताया कि कुल बजट का तेरह प्रतिशत शिक्षा क्षेत्र में खर्च करके उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षा के लिए सर्वाधिक बजट रखने वाली सरकार बन गई है। लेकिन इसका ज्यादातर हिस्सा लैपटाप , स्कूटी बांटने और बिल्डिंग बनाने में खर्च हो जायेगा। इसमें न तो संविदा शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन आदि की कोई चिंता की गई न ही विद्यार्थियों की फीस में कोई राहत मिली । अनुदानित महाविद्यालयों में अनुमोदित शिक्षकों को इस बजट से मानदेय मिलने की उम्मीद थी जो पूरी नहीं हुई है। प्राइवेट सेक्टर में जा चुकी उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था का यह बजट कितना भला कर पायेगा इसका कोई रोड मैप बजट में नहीं दिखता ।
ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि ने कहा कि बजट में अनेक सकारात्मक बातें हैं। मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान से शिक्षामित्र , बेसिक शिक्षा अनुदेशक, होमगार्ड्स,ग्राम चौकीदार आदि को जोड़कर पांच लाख रुपए की निःशुल्क चिकित्सा का लाभ दिया जाना एक बेहतरीन कदम है। एआई पार्क, डिजिटल लाइब्रेरी आदि की सुविधाएं उत्तर प्रदेश को तकनीकी रूप से समृद्ध करेंगी।
आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए निगम बनाने और हर जिले में कैंसर डे केयर सेंटर खोलने की घोषणाएं काफी अच्छी हैं। अगर ये सटीक रूप से लागू हो गईं तो इनका दीर्घकालिक फायदा मिलेगा।