मंगलवार, 25 मार्च 2025

अम्बेडकरनगर :‌घूंघट की ओट से निकलकर अमता महिलाओं को बना रहीं सशक्त।||Ambedkar Nagar:Amta is empowering women by coming out from behind the veil.||

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अम्बेडकरनगर :
‌घूंघट की ओट से निकलकर अमता महिलाओं को बना रहीं सशक्त।
।।ए के चतुर्वेदी ।।
दो टूक : अंबेडकरनर जनपद ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं की एक समय में पहचान सिर्फ गृहिणी के रूप में हुआ करती थी। अपने पति की कमाई के भरोसे बच्चों के भरण-पोषण के साथ परिवार का खर्च चलता था। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में इस सोच में बड़ा परिवर्तन देखने को मिला है। महिलाएं घूंघट की ओट से निकलकर सिर्फ स्वयं सहायता समूह बनाकर न सिर्फ आत्मनिर्भर बन रही हैं, बल्कि दूसरी महिलाओं को भी स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर रही हैं।कुछ ऐसी ही पहल टांडा ब्लॉक के सालारपुर की अमता देवी ने चार साल पहले की थी। करीब 13 वर्ष पूर्व इनकी शादी अजय कुमार से हुई थी। इसके बाद से ही रोजी-रोटी के जुगाड़ में घर से बाहर रहते हैं। वर्तमान में वह मुंबई में नौकरी कर रहे हैं। दिन-रात मेहनत करने के बाद भी परिवार के हालात में कोई खास बदलाव नहीं आया।अमता ने हाईस्कूल तक पढ़ाई की थी। करीब चार वर्ष पूर्व वह स्वयं सहायता समूह और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के बारे में पता चला तो उन्होंने गांव की कुछ महिलाओं को साथ लेकर सलोनी स्वयं सहायता समूह बनाया। समूह के जरिये पहले बकरी पालन शुरू किया। इसके बाद विभाग ने इन्हें समूह सखी की जिम्मेदारी सौंपी तो इनका उत्साह और रुझान बढ़ा।
अपने जैसी गांव की महिलाओं को स्वयं सहायता समूह के बारे में बताना शुरू किया। रिवॉल्विंग फंड और सीएलएफ से शुरू किए जाने वाले रोजगार के बारे में जानकारी दी। धीरे-धीरे इन्होंने गांव में छह समूह बनाकर 60 महिलाओं को जोड़ा। अब यह महिलाएं भैंस पालन, बकरी पालन, दुकान व अन्य प्रकार के रोजगार कर रहीं हैं। अमता की तीन बेटियां आदित्री, श्रुति और आरुषि हैं, जो पढ़ाई कर रहीं हैं। अमता का सपना है कि वह अपनी बेटियों को पढ़ा-लिखाकर आत्मनिर्भर बनाएं, ताकि उन्हें भविष्य में किसी प्रकार की दिक्कत और संघर्षों का सामना न करना पड़े।