मंगलवार, 18 मार्च 2025

आजमगढ़ : दयानन्द बाल मंदिर में तीन दिवसीय वार्षिक सनातन धर्म का आयोजन।||Azamgarh : Three day annual Sanatan Dharma festival organized at Dayanand Bal Mandir.||

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आजमगढ़ : 
दयानन्द बाल मंदिर में तीन दिवसीय वार्षिक सनातन धर्म का आयोजन।
।। सिद्धेश्वर पाण्डेय।।
दो टूक : आजमगढ़ के फूलपुर कस्बा स्थिति दयानन्द बाल मंदिर में आर्य समाज की ओर से चल रहे तीन  दिवसीय वार्षिक सनातन धर्म समारोह के पहले दिन रविवार  की रात मे आर्य विद्वानों ने कहा कि समाज को अगर शारीरिक, आत्मिक और सामाजिक उन्नत करनी है, तो वेदों में बताए गए रास्तों पर चलना होगा। सुनील देव आर्य ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती ने मानव कल्याण के लिए दस नियम बताए हैं। यह सभी नियम वेदों में निहित हैं। उन्होंने कहा कि ईश्वर निराकार और सर्व व्यापी है। वेदों के अनुसार देखा जाए तो ईश्वर ही सब कुछ है। वेद ही ईश्वर के प्रदत्त ग्रंथ हैं। ईश्वर एक है, उसका कोई रंग-रूप, आकार नहीं है। सभी लोगों को उस एक निराकार परमेश्वर की उपासना करनी चाहिए। बहन प्रज्ञा साधना आर्या ने कहा कि भारतीय जनमानस में स्वतंत्रता और शिक्षा का अलख जगाने का कार्य सर्वप्रथम स्वामी दयानन्द सरस्वती जी ने ही किया था। जिनके बताए सिद्धांत पर चल कर धर्म का प्रचार प्रसार कर रहें हैं। समाज लाभान्वित हो रहा हैं। युवा वैदिक प्रवक्ता श्रेयांश आर्य  ने कहा कि ईश्वर सृष्टि के निर्माण के पहले भी था, आज भी है और आगे भी रहेगा। ईश्वर अनादि और अनंत है। सुभाष चंद आर्य ने भी प्रवचन किया । पंडित राजेश आर्य ने बड़े ही सुंदर ढंग से भजनों के माध्यम से जीवन पर महत्व पूर्ण प्रकाश डाला। संचालन डाक्टर राजेंद्र प्रसाद मुनि ने किया।