शनिवार, 8 मार्च 2025

मऊ :अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर DM ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का किया शुभारंभ।|||Mau:On International Women's Day, DM inaugurated the program by lighting a lamp.||

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मऊ :
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर DM ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का किया शुभारंभ।
।।देवेंद्र कुशवाहा मऊ ।।
दो टूक : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में महिला कल्याण एवं शिक्षा विभाग द्वारा लगाए गए स्टालों का जिलाधिकारी तथा बीजेपी जिलाध्यक्ष ने अवलोकन किया, परिसर में लगे स्टालो का जिलाधिकारी ने प्रशंसा किया।
विस्तार :
जनपद मऊ के  जिलाधिकारी प्रवीण मिश्र के नेतृत्व में नगर पालिका कम्युनिटी हाल सभागार में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजनांतर्गत अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में जिला बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा कार्यक्रम किया गया।
तत्पश्चात जिलाधिकारी और जिलाध्यक्ष द्वारा नगर पालिका परिसर में महिला कल्याण विभाग एवं बेसिक शिक्षा विभाग सहित विभिन्न विभागों द्वारा महिलाओं के जागरूकता हेतु लगाए गए स्टालों का अवलोकन किया गया। कस्तूरबा विद्यालय एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय अईलख की बच्चियों द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया।
जिलाध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी श्रीमती नूपुर अग्रवाल ने कहा कि हर वर्ष 8 मार्च को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के तौर पर मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं की उपलब्धियां को सलाम करने का दिन है। इस दिन को महिलाओं की आर्थिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, सामाजिक सहित तमाम उपलब्धियों के उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। साथ ही उन्हें यह एहसास कराया जाता है, कि वह समाज के लिए कितनी खास है। उन्होंने बताया कि जब महिलाएं आगे बढ़ती हैं तो पूरा समाज प्रगति करता है। वह सिर्फ घर नहीं बल्कि पूरी दुनिया सवारने की ताकत रखती हैं। वे इतिहास लिखती है, भविष्य और हर चुनौती को पार करती हैं। उनकी हिम्मत मेहनत और आत्मविश्वास उसे अलग बनाते हैं क्योंकि वह सिर्फ परिवार ही नहीं पूरी सभ्यता का आधार है। महिला दिवस सिर्फ एक दिन नहीं हर दिन महिलाओं की उपलब्धियां को पहचान और उन्हें आगे बढ़ने का है। जो महिलाएं खुद पर विश्वास करती है वह दुनिया बदलती है। उनका आत्मविश्वास ही उनकी असली ताकत है। उन्होंने सभागार में उपस्थित सभी महिलाओं को महिला दिवस पर संकल्प दिलाया कि हर महिला को सम्मान अवसर, सम्मान अधिकार दिया जाए।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार उपाध्याय ने बताया कि हर परिवार में बेटियां, बहने और मां के रूप में है। यदि हम अपने घर की महिलाओं के तमाम अन्य महिलाओं को उसी नजरों से देखें तो समाज में हर बेटी, बहन और मां को सम्मान खुद ब खुद मिलने लगेगा। उन्होंने कहा कि बेटियां अधिक से अधिक संख्या में शिक्षा प्राप्त करें और समाज के निर्माण में अपना पूरा सहयोग करें। 
कंपोजिट विद्यालय हरदसपुर विकासखंड परदहां की सहायक अध्यापिका अनीता यादव ने मीना मंच के संबंध में एक झलक में बताया कि मीना मंच 11 से 18 वर्ष आयु वर्ग के किशोर किशोरियों के लिए सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालयों, कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में संचालित एक ऐसा मंच है जो बालिकाओं को विद्यालय में नामांकन, नियमित उपस्थिति तथा शिक्षा की मुख्य धारा में लाने के लिए प्रेरित करता है। इस मंच की मदद से किशोर किशोरिया अपनी बातों को खुलकर कह सकते हैं तथा मीना मंच की विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से जीवन कौशलों का विकास कर सकते हैं, जैसे आत्म जागरूकता, आपसी संवाद, रचनात्मक सोच, तार्किक सोच, तनाव का मुकाबला करना, रिश्तो का बेहतर प्रबंधन करना, सही निर्णय लेना, समस्या का समाधान करना और समय प्रबंधन करना यह सब वह खुश रहकर के और अनुभव से सीखते हैं। मीना मंच में दो तिहाई सदस्य किशोरियों होती हैं और एक तिहाई सदस्य किशोर होते हैं। इस तरह मीना मंच की कोर कमेटी में 20 सदस्य होते हैं। उन्होंने अरमान माड्यूल के बारे में बताया कि किशोरावस्था के समय किशोर किशोरियों के मन में तमाम सवाल उभरते हैं। परंतु इन परिवर्तनों के बारे में उनसे कोई बात नहीं करता, कोई उनके सवालों के जवाब नहीं देता क्योंकि इस चरण में होने वाले बदलाव बड़े ही प्राकृतिक होते हैं। यह बदला शारीरिक मानसिक और मनोवैज्ञानिक होते हैं। इन्हें सही परामर्श देने की जिम्मेदारी जहां परिवार में माता-पिता की होती है वहीं विद्यालय में शिक्षक शिक्षिका के भी है। इसलिए मीना मंच ने अरमान मॉड्यूल का निर्माण इसी उद्देश्य से किया गया है। इस मॉड्यूल से किशोर किशोरियों को जीवन कौशल शिक्षा प्रदान करने में उन्हें मदद मिलेगी। प्रगति के पंख के संबंध में उन्होंने बताया कि शिक्षक बनने का अर्थ है बच्चों के जीवन में बदलाव लाना और उन्हें उन पाठों को सिखाना जो जीवन भर उनके साथ रहेंगे। किशोर किशोरियों के जीवन से संबंधित मुद्दों पर आधारित 12 सत्र हैं जैसे पोषण, जेंडर, आत्म सम्मान और आत्मविश्वास, स्वास्थ्य शिक्षा ळ, विद्यालय सुरक्षा, हाथों की स्वच्छता, निजी स्वच्छता, माहवारी स्वच्छता प्रबंधन, आपदा प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन। मजे की बात यह है कि यह 12 सत्र का संरक्षण कक्षा 6, 7 और 8 के पाठ्यक्रमों में निर्धारित विषयों में जोड़कर किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने किशोर किशोरियों से जुड़े कई बिंदुओं की जानकारी दी।
कार्यक्रम के दौरान जिला प्रोवेशन अधिकारी डॉक्टर श्वेता त्रिपाठी, जिला कार्यक्रम अधिकारी अजीत कुमार सिंह, महिला कल्याण विभाग से कंचन तिवारी, अनीता सिंह, रेनू पाण्डेय, चंदा साहनी, संध्या सिंह, अनीता चौरसिया, मीरा यादव, शिक्षा विभाग से श्वेता गुप्ता, गिरजा यादव एवं बिना गुप्ता सहित समस्त महिला कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग तथा विभिन्न विद्यालयों की छात्राएं उपस्थित रहीं।