शिक्षा :
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत त्रिभाषा सूत्र राष्ट्रीय एकता के लिए मील का पत्थर : शैक्षिक महासंघ।
दो टूक : बहुभाषाभाषी भारत के सांस्कृतिक व राजनैतिक एकता की दृष्टि से राष्ट्रीय शिक्षा नीति,2020 के अंतर्गत एकबार फिरसे त्रिभाषा सूत्र का समन्वय बौद्धिक विकास के साथ ही साथ सामाजिक समरसता के लिए मील का पत्थर है।ये उद्गार राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ,उत्तर प्रदेश के अयोध्यामंडल अध्यक्ष डॉ.उदयराज मिश्र ने व्यक्त किए।श्रीमिश्र गांधी स्मारक इंटर कॉलेज,राजेसुलतानपुर में नई शिक्षा नीति विषयक संगोष्ठी पर व्याख्यान दे रहे थे।
ज्ञातव्य है कि स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात भारतीय शिक्षा व्यवस्था को एकबार फिरसे पटरी पर लाने और देश की विविधताओं में परस्पर समन्वय स्थापित करने हेतु सर्वप्रथम सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के नेतृत्व में गठित विश्व विद्यालय आयोग तथा उसके उपरांत कोठारी व मुदालियर आयोगों ने भी कक्षा दशम और दशमोत्तर विद्यार्थियों के लिए त्रिभाषा सूत्र का प्रतिपादन किया था।जिसके अंतर्गत विद्यार्थियों को मातृभाषा सहित कोई भी दो भारतीय व तीसरी पाश्चात्य भाषाओं में कोई एक या फिर कोई भारतीय भाषा ही पढ़ने का प्रावधान किया गया था।किंतु नई शिक्षा नीति,1986 तथा इसके पश्चात गठित आचार्य राममूर्ति समिति के प्रतिवेदनों से त्रिभाषा सूत्र की महत्ता कुछ कमतर हो गई थी।जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति,2020 में पुनः समाहित करते हुए लागू कर दिया गया है।
श्री मिश्र ने बताया कि देश में भाषाई आधार पर बने प्रांतों को इसके अंतर्गत अपनी अपनी स्थानीय मातृभाषाओं को पढ़ाने की शत प्रतिशत छूट है।किंतु इसके साथ ही विद्यार्थियों को दो अन्य भारतीय या इनमें से कोई एक विदेशी भाषा का भी अध्ययन करना होगा।कदाचित ऐसा होने से देश में उत्तर से दक्षिण तथा पूरब से पश्चिम तक विचार विनिमय और सांस्कृतिक परम्पराओं व लोकमान्यताओं को समझने में बहुत आसानी होगी।श्री मिश्र ने तमिलनाडु सरकार के प्रमुख नेता स्टालिन द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति,2020 को अपने राज्य में क्रियान्वित करने से इंकार करना उनकी तमिल को छोड़कर अन्य भारतीय भाषाओं के प्रति संकुचित सोच का परिचायक है।श्री मिश्र ने त्रिभाषा सूत्र को राष्ट्रीय एकता के लिए एक अपरिहार्य ब्रह्मास्त्र और सांस्कृतिक विकास का अचूक अस्त्र बताया।
ज्ञातव्य है कि बोर्ड परीक्षाओं में आज की प्रथम पाली की परीक्षा के उपरांत आयोजित संक्षिप्त गोष्ठी को प्रवक्ता डॉ.संतोष कुमार सिंह तथा प्रधानाचार्य कप्तान सिंह ने भी संबोधित किया।