गोण्डा :
भिखारियों के लिए बना प्रेरणा,छोटी सी उम्र में बड़ा हो गया संजय।।
सिस्टम साबित हो रहा बौना,जूता चप्पल मरम्मत करके मां बाप को दे रहा सहारा।।
।। प्रदीप शुक्ला।।
दो टूक : गोंडा जनपद के मुजेहना विकास खंड के मुजेहनी गांव के सुखराम आंखों से लाचार हैं। उनकी एक आंख से बिल्कुल नहीं दिखता दूसरी आंख से कम दिखाई देता है। मां खेतों में मजदूरी करती है। घर घासफूस छप्पर का है। दो बेटियां हैं। एक बेटा है संजय जिसकी उम्र महज दस वर्ष की है। परिवार को किसी प्रकार सरकारी योजना का लाभ प्राप्त नहीं है। परिवार की परिस्थिति देख कर लोगों के जेहन में सवाल उठता है जब एक दस साल का बच्चा परिवार चलाने में अपने मां बाप का सहयोग करने के लिए छोटी सी उम्र में पैसा कमाने निकल पड़ता है। गांव गांव घूम कर फटे पुराने जूते और चप्पल की मरम्मत करता है। तब सवाल उठाना पड़ता है। कहां हैं सरकार की तमाम गरीब कल्याण से जुड़ी योजनाएं।
अंधे पिता और मजबूर मां की विवशता देखने के बाद पता चला कि पिछले कई सालों से वो फूस के घर में रहते हैं।
मां चूल्हे पर खाना बनाती है। उनका किचन देखने के बाद एक बार सोचने पर मजबूर होना पड़ता है जहां चूल्हे पर खाना पकाया जाता है उसी के बगल गाय भैंस बांधी जाती हैं। ठीक उसी स्थान पर चार पाई भी पड़ी है जहां रात्रि में परिवार के साथ शयन होता है।
ऐसे में सवाल उठना लाज़मी है कि अब तक इस परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ क्यों नहीं मिला।
घर में दो बेटियां हैं। एक विवाह करने योग्य है। माता पिता की लाचारी और बेबसी देख कर छोटी सी उम्र में संजय गांव गांव जा कर जूते चप्पल सिलने का काम करता है। उसका नाम गांव के सरकारी स्कूल में लिखा तो है लेकिन वो पढ़ने नहीं बल्कि कमाने जाता है।
ऐसे ही एक दिन जब बच्चा कुछ पैसे कमाने के लिए गांव गांव घूम कर जूता चप्पल रिपेयर करता हुआ बेलहरी गांव पहुंच गया, जहां उसकी मुलाकात अवधि स्टार ममता संदीपन मिश्रा से हो गई।।
वो बच्चे की अवस्था और मेहनत करके पैसे कमाने का जज्बा देख कर अपने को रोक नहीं पाई और उसका ढाई मिनट एक वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर डाल दिया । जिसे लाखों लोगों ने देखा रातों रात संजय नाम का ये बच्चा वायरल हो गया करीब तीन मिलियन लोगों ने उस वीडियो को देखा।
अब बहुत लोग उस बच्चे की मदद के लिए आगे आ रहे है। खुद ममता संदीपन मिश्रा ने भी उसके घर जा कर उनकी मदद की और भविष्य में हर प्रकार की सहायता देने का भरोसा भी दिया।
सोशल मीडिया पर लोग उसकी मदद करने के लिए आगे आ रहे हैं लेकिन गांव क्षेत्र के संभ्रांत और जिम्मेदार लोगों ने अब कोई अगुवाई नहीं की है।
◆ मासूम बच्चा बना जिम्मेदार देखे वीडियो।