सुल्तानपुर :
आत्मा परमात्मा का मिलन ही असली रास :-हृदेश कृष्ण शास्त्री।।
दो टूक : सुल्तानपुर जनपद की तहसील जयसिंहपुर क्षेत्र के कोंची गांव में श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन प्रतापगढ़ से पधारे कथाकार हृदेश कृष्ण शास्त्री जी महराज ने कथा के माध्यम से जीवन के मूल्य और जीव को विषय वासनाओं से निकल कर भगवत्प्राप्ति तक के मार्ग पर प्रकाश डाला। कथा का संयोजन संतोष मिश्रा अपने विशेष सहयोगी पंडित जनार्दन मिश्रा एवं शक्ती लाइट हाउस राधेश्याम मिश्रा के साथ बखूबी कर रहे हैं।
मुख्य यजमान परमानंद मिश्र और उनकी धर्मपत्नी संजू मिश्रा एवं पूजनीया माता गायत्री मिश्रा धर्मपत्नी स्मृति शेष राम जग मिश्र के साथ दूर-दूर से आये श्रद्धालु और जिज्ञासु जनों ने भक्ति भाव से कथा के श्रवण का लाभ प्राप्त किया। भागवत आचार्य ने कंस बध, रुक्मिणी विवाह, उद्धव व्रज गमन के साथ श्रीकृष्ण और गोपांगनाओं की महारास की मार्मिक कथा सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कथाकार ने रास की आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा कि आत्मा और परमात्मा का मिलन ही असली रास है जो बिना सद्भभक्ति और सत्कर्म के संभव नहीं। सांसारिक दायित्वों की पूर्ति और प्रकृति का सम्मान करते हुए जीव को परमतत्त्व की खोज करनी चाहिए जिससे लोक परलोक दोनों सुहेला बन जाता है। प्रासंगिक भजनों पर लोग थिरकते नजर आए तो रुक्मिणी कृष्ण के विवाह में श्रद्धा समर्पित किया।बारात की झांकी का दृश्य मनमोहक लगा।आज की कथा के समापन पर आरती के बाद प्रसाद का वितरण किया गया। मुख्य यजमान के तीर्थ यात्रा से लौटने पर इस अनुष्ठान का विशाल भण्डारा 28 मार्च 2025 को है। अयोध्या मिश्र,सरजू मिश्र, राजेन्द्र मिश्र,राम जिबोध,दद्दन मिश्र, राजेश दूबे, सुरेन्द्र दूबे, रमापति मिश्र, अखिलेश दूबे,चन्द्रपाल सिंह और पूरे मिश्रा परिवार सहित जन मानस की गरिमामयी उपस्थिति रही।