सुल्तानपुर :
कवियों ने हास्य-व्यंग्य,ऋंगार,ओज,और लोक विधा के काव्य में किया सराबोर।।
दो टूक : सुलतानपुर जनपद के कूरेभार क्षेत्र के पुरखीपुर इक्षूरी में बी इंडियन पब्लिक स्कूल के बार्षिकोत्सव में भव्य कवि सम्मेलन में दूर-दूर से आये कवियों ने अपनी हास्य-व्यंग्य,बीर रस,ओज एवं लोक गीतों को सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। भिन्न-भिन्न रसों में कवियों ने जलवा बिखेर कर खूब वाहवाही और तालियां बटोरी।
प्रयागराज से पधारे कवि बिहारी लाल अम्बर ने अपने हास्य के अनोखे अंदाज में संचालन किया। कार्यक्रम की शुरुआत इन्दू सुलतानपुरी की वाणी वंदना ने -कविता में रस की रवानी माई दे -से किया।राज बहादुर राना ने -जलजले तूफां से बेजा रुत सुहानी मांगते हो।आर एन त्रिपाठी ने -मेरा प्यार हो तुम। अभिमन्यु शुक्ला तरंग ने -जिस घर की नारी सुखी रहें। जावेद सुलतानपुरी ने -अपने और पराये में पहिचान बहुत ही मुश्किल है। लवलेश यदुवंशी प्रतागढ़ ने -किसी सीता को फिर से न जलने देना। रायबरेली से पधारीं मोहतरमा संदल अफरोज ने -वफा का दीप जलाना है क्या किया जाए। विकास वैरागी अम्बेडकर नगर ने -बहुत कुछ त्याग कर कोई यहां श्री राम बनता है। पढ़कर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। हास्य-व्यंग्यकार इन्दू ने पाकिस्तान पर व्यंग्य कसा कि- मैं उसके साथ गांधीगीरी करूं तो कैसे करूं, मैं उसको फूल देता हूं ओ मूझको हूल देता है।विद्यालय के प्रबंधक कमल नयन वर्मा ने बताया कि वे हर बार्षिकोत्सव पर कवि सम्मेलन का आयोजन करने का प्रयास करते हैं। कार्यक्रम में कांग्रेस के जिला स्तर के कई नेता मौजूद रहे। ओमप्रकाश दूबे,योगेश सिंह,फिरोज अहमद, तेज़ बहादुर पाठक,मुन्ना सिंह त्रिशुंडी, हर्ष नारायण,अभिनव श्रीवास्तव, बैजनाथ वर्मा, शिवेंद्र पाण्डेय और विद्यालय परिवार एवं क्षेत्रीय जनमानस की गरिमामयी उपस्थिति रही।