लेख :
जाकर नाम सुनत सुभ होई।
मोरे गृह आवा प्रभु सोई।।
।। शिक्षक डॉ उदयराज मिश्र।।
दया,क्षमा,करुणा,मर्यादा,ममत्व,अपनत्व,बंधुत्व और साक्षात् धर्म के प्रतिमूर्ति(रामो विग्रहवान् धर्म:),पितृभक्त दशरथ नंदन प्रभु श्रीराम जी के रूप में नारायण के सप्तम अवतार के शुभ दिन पर समस्त अंडज,पिंडज,स्वेदज सहित चराचर सृष्टि के प्राणियों को सादर जय सियाराम।
भगवान प्रभु श्रीराम का प्राकट्य दुष्टों का विनाशक और सज्जनों का उद्धारक हो,विश्व का कल्याण हो,सबको सन्मति और सद्गति प्राप्त हो,इसी प्रार्थना और कामना के साथ एकबार पुनः सभी विद्वान शिक्षकों/विदुषी शिक्षिकाओं/यशस्वी शिक्षाधिकारियों/निष्पक्ष पत्रकारों/विधिवेत्ताओं/सशस्त्रबलों के जवानों/नौजवानों/किसानों सहित सभी बंधु - बांधवों को सादर जय सियाराम।
राम रामेति रामेति। रमे रामे मनोरमे।
सहस्र नाम तत्तुल्यम राम नाम वरानने।।
- डॉ उदयराज मिश्र
मंडल अध्यक्ष
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ,अयोध्यामंडल,
उत्तर प्रदेश(माध्यमिक संवर्ग)
९४५३४३३९००