रविवार, 13 अप्रैल 2025

लखनऊ :सेंट फ्रांसिस मिशन स्कूल में फीस वृद्धि के विरोध में अभिभावकों का प्रदर्शन।||लखनऊ :सेंट फ्रांसिस मिशन स्कूल में फीस वृद्धि के विरोध में अभिभावकों का प्रदर्शन।||

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लखनऊ :
सेंट फ्रांसिस मिशन स्कूल में फीस वृद्धि के विरोध में अभिभावकों का प्रदर्शन।
दो टूक : लखनऊ के थाना पीजीआई क्षेत्र के तेलीबाग पुलिस चौकी अंतर्गत लौंगा खेड़ा में संचालित सेंट फ्रांसिस मिशन स्कूल की कार्यशैली और बेतहाशा फीस वृद्धि से आक्रोशित सैकड़ों अभिभावकों ने शनिवार को स्कूल का घेराव कर जमकर हंगामा काटा, उनका कहना था कि इस विद्यालय के आसपास अधिकतर मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोगों की रिहायश है, और अच्छी शिक्षा के लिए उन्हीं लोगों के बच्चे यहां पढ़ते हैं, लेकिन इस सत्र में एक साथ फीस वृद्धि स्वीकार नहीं है। अभिभावक मोहन चंद्र भट्ट ने बताया कि उनकी बेटी कक्षा एक में है, जहां पहले फीस 2500 रुपए प्रतिमाह थी, अब उसे 2800 रुपए प्रतिमाह कर दिया गया है। वहीं एक अभिभावक अनुराग ने बताया कि उनका बच्चा रेयू के जी में पढ़ता है और उसकी फीस 2500 रुपए कर दी गई, आखिर इतनी महंगी फीस वृद्धि कहां तक उचित है।

आक्रोशित लोगों का कहना था कि स्कूल प्रबंधन मनमाने ढंग से कार्य कर रहा है, किताबें और स्कूल ड्रेस उससे संबद्ध दुकानों । से खरीदने को कहता है। नहीं खरीदने पर तरह तरह से परेशान करता है। जयेंद्र ने बताया कि यू के जी की किताबें 4500 रुपए में उनकी दुकान से मिल रही हैं, अभिभावक को सारी स्टेशनरी एक साथ खरीदने पर बाध्य किया जाता है। लोगों ने बताया कि यह स्कूल पहले ऐसा नहीं था, अगर कोई बहुत कमजोर परिवार होता था तो उसके बच्चों को मामूली फीस लेकर भी शिक्षा देते थे।
अभिभावकों का आरोप है पिछले कुछ वर्षों में प्रबंधन मनमाने तरीकों से परेशान कर रहा है। 
खरिका वार्ड द्वितीय के पार्षद प्रतिनिधि संजीव कुमार अवस्थी ने बताया कि अभिभावक और स्कूल प्रबंधन से बात हुई है, उनको इस वर्ष फीस न बढ़ाने को कहा गया है, प्रबंधक चार्ल्स केंथ का कहना है कि वह विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक कर निर्णय लेंगे। पार्षद प्रतिनिधि संजीव अवस्थी ने कहा कि उनको बुधवार तक का समय दिया गया है। अगर फैसला अभिभावकों के पक्ष में नहीं आया तो अगला कदम उठाया जाएगा। प्रबंधक चार्ल्स केंथ का कहना है कि हर साल 10 प्रतिशत फीस वृद्धि की जाती है उससे अधिक नहीं की गई है। अगर बढ़ाई गई है तो रसीद लेकर आएं, गलत आरोप लगाना ठीक नहीं है।