बुधवार, 23 अप्रैल 2025

दिल्ली : युवाओं को सशक्त, आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सक्रिय भागीदार बनना चाहिए: लोक सभा अध्यक्ष।||Delhi : Youth should become active participants in building a strong, self-reliant India: Lok Sabha Speaker.||

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दिल्ली : 
युवाओं को सशक्त, आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सक्रिय भागीदार बनना चाहिए: लोक सभा अध्यक्ष।
दो टूक :  लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने युवाओं से सशक्त और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सक्रिय भागीदार बनने का आह्वान किया। उन्होंने युवाओं से राष्ट्र निर्माण, नवाचार और वैश्विक नेतृत्व में सक्रिय रूप से भाग लेने तथा लोकतंत्र, अनुसंधान, कानून-निर्माण और प्रौद्योगिकी उन्नयन में शामिल होकर भारत की विकास गाथा में सार्थक योगदान देने का आग्रह किया  । श्री बिरला ने लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) में “वन इंडिया एण्ड वन वर्ल्ड” विषय के अंतर्गत आयोजित वार्षिक सांस्कृतिक महोत्सव और स्टडी ग्रांट अवार्ड्स को संबोधित करते हुए ये टिप्पणियाँ कीं। इस अवसर पर, उन्होंने आर्थिक विकास, सामाजिक समानता, वैश्विक नेतृत्व और स्थिरता के विजन पर आधारित ‘विकसित भारत 2047’  की अवधारणा की बात भी की । अध्यक्ष महोदय ने अपने विचारों से युवाओं के दिलों को छूते हुए, उनसे भारत की नियति को निर्धारित करने में सक्रिय भागीदार बनने का आग्रह किया । 
विस्तार
आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए
लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि
आज भारत को पूरी दुनिया में प्रौद्योगिकी, शासन, शिक्षा और उद्यमिता जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे युवाओं  के लिए जाना जाता है, अध्यक्ष महोदय ने  छात्रों को दृढ़ संकल्प के साथ चुनौतियों का सामना करने तथा नवाचार, समर्पण और सेवा की भावना के साथ विश्व में भारत की स्थिति को और अधिक मजबूत करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि भारतीय छात्र नवाचार, विविधता और वैश्विक नेतृत्व की भावना का प्रतिनिधित्व करते हैं। श्री बिरला ने यह भी कहा कि रचनात्मकता, नवाचार, उद्यमशीलता और नैतिक विश्वास की भावना के साथ, हमारे युवा भारत को दुनिया के लिए एक आदर्श देश बना सकते हैं। 
श्री बिरला ने कहा कि शिक्षा में परम्परा और आधुनिक नवाचार का सामंजस्यपूर्ण समावेश होना चाहिए। उन्होंने प्रौद्योगिकी और समसामयिक ज्ञान प्रणालियों को अपनाते हुए सांस्कृतिक परम्पराओं को संरक्षित करने के महत्व पर बल दिया । उन्होंने कहा कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी और आधुनिक तकनीकों को भारत की प्राचीन शैक्षिक परंपराओं में निहित शाश्वत मूल्यों पर आधारित होना  चाहिए। तेजी से बदल रही दुनिया में, यह आवश्यक है कि शिक्षा प्रणाली से कुशल प्रोफेशनल के साथ ही सामाजिक रूप से जागरूक ऐसे नागरिक तैयार हों, जो विरासत को महत्व दें और भविष्य को आकार देने के लिए भी  सुसज्जित हों। श्री बिरला ने युवाओं में राष्ट्रीय पहचान, वैश्विक दृष्टि और सामाजिक प्रतिबद्धता की भावना विकसित करने के महत्व पर जोर दिया। 

लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू )को भारत की शैक्षिक प्रगति का प्रतीक बताते हुए, श्री बिरला ने कहा कि यह विश्वविद्यालय विविधता में एकता की भावना को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि एलपीयू देश की सांस्कृतिक विविधता का सच्चा रूप है जहाँ भारत के हर राज्य के साथ ही 50 से भी अधिक देशों के छात्र मिलकर परस्पर सम्मान और मैत्रीपूर्ण वातावरण में पढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि एलपीयू ने समय की बदलती जरूरतों के अनुसार स्वयं को ढाला है तथा  भारतीय मूल्यों और संस्कृति को कायम रखते हुए छात्रों को विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान कर रहा है । “वन इंडिया, वन वर्ल्ड ” जैसे कार्यक्रम भारत की सभ्यता की विचारधारा ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का उत्कृष्ट उदाहरण है। अध्यक्ष महोदय ने यह भी कहा कि आज हम ऐसी दुनिया में रह रहे हैं जो परस्पर जुड़ी हुई है । ऐसे में  भारत के युवाओं को राष्ट्रीय सीमाओं से ऊपर उठकर सोचना चाहिए और ऐसे वैश्विक नागरिक बनना चाहिए जो दिल से भारतीय हों और यही ‘वन इंडिया एण्ड वन वर्ल्ड ' का सही अर्थ है  । 
अंत में ओम बिरला ने भारत के उज्ज्वल भविष्य के बारे में अपनी आशावादिता और युवा पीढ़ी में अपनी आस्था को दोहराते हुए कहा कि जैसे-जैसे हम 2047 की ओर बढ़ रहे हैं, हम एक ऐसे भारत का निर्माण करने का संकल्प लें जो न केवल विकसित हो बल्कि न्यायपूर्ण, समावेशी, करुणामयी और ज्ञानवान भी हो । हम एक ऐसी दुनिया बनाने का प्रयास करें जिसमें भारत अपने शाश्वत जीवन मूल्यों के साथ नेतृत्व करे और हर भारतीय विश्व कल्याण में योगदान दे। 
इस कार्यक्रम में 50 देशों के छात्रों सहित हजारों छात्रों, संकाय सदस्यों, शिक्षाविदों ने भाग लिया। श्री बिरला ने स्नातकों को बधाई दी और उन्हें अपने प्रोफेशनल जीवन में अनुशासन, दृढ़ संकल्प और एकता के मूल्यों का समावेश करने और अपनी विरासत के साथ गहराई से जुड़े रहते हुए उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित किया।
इस अवसर पर संसद सदस्य अशोक मित्तल और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।