लखनऊ :
मकान माफिया बर्खास्त बाबू पर एक और FIR दर्ज,56लाख की धोखाधड़ी।।
दो टूक : राजधानी लखनऊ के आवास विकास परिषद् की वृन्दावन योजना में प्लाट व मकान दिलाने के नाम पर आवास विकास का बर्खास्त बाबू पर गुमराह कर लाखों रुपए की धोखाधड़ी करने का बीते 6 अप्रैल एक और मामला पीजीआई थाने मे दर्ज हुआ। आरोपी बाबू के खिलाफ अब तक लखनऊ एक से अधिक धोखाधड़ी करने के मुकदमे दर्ज हो चुके है।
विस्तार :
जानकारी के अनुसार पूर्व सैनिक
विनोद कुमार सिंह पुत्र स्व. विक्रमादित्य सिंह परिवार के साथ कौशलपुरी कालोनी, खरगापुर,थाना गोमतीनगर विस्तार, लखनऊ मे रहते है।
अपने आपको आवास विकास परिषद् का बाबू राजेन्द्र प्रसाद और इनकी पत्नी रुक्मिणी राय निवासी वृन्दाबन योजना, रायबरेली रोड, थाना पीजीआई, ने मकान एवं प्लाट संख्या 6B/13, 5B-B/124 एवं 5B-B/125 वृन्दाबन योजना लखनऊ आवास विकास प्रधिकरण के द्वारा पुनर्जीवन योजना के तहत आवंटन एवं रजिस्ट्रेशन हेतु एक मुस्त निस्तारित धन के एवज में रुक्मिणी राय पत्नी राजेन्द्र प्रसाद के बैंक खाते में रु 23,42,000.00 (रुपये तेईस लाख बयालीस हजार मात्र) एवं राजेन्द्र प्रसाद पुत्र उमाशंकर के बैंक खाते में रु 32,83,000.00 (रुपये बत्तीस लाख तिरासी हजार मात्र) तथा राजेन्द्र प्रनाद पुत्र उम शंकर को रु 92,800.00 (रुपये वयानवे हजार आठ सौ मात्र) नगद भुगतान कर चुका हूँ। जिसका विवरण संलग्न है। महोदय, राजेन्द्र प्रसाद पुत्र उमाशंकर एक धूर्त, चालबाज, धोखेबाज, शातिर एवं गोलबंद प्रबूत का आदमी है, जो आवास विकास प्राधिकरण में कार्यरत था, उस समय आवास विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की मिली भगत से मुझे वृन्दाबन योजना, रायबरेली रोड के भवन/प्लाट संख्या 6B/13,5B-B/124 एवं 5B-B/125 दिलाने के लिए कहा था लोगों को अवैध तरीके से मकान एवम प्लाट का आवंटन करवाता था, और जांच प्रक्रिया होने पर यह अवैध रूप से अवांछनीय पाया गया जिसके तहत इसे जेल जाना पड़ा और इसे आवास विकास प्राधिकरण से निलंबित कर दिया गया है, राजेंद्र प्रसाद एवं रुक्मिणी राय के विरुद्ध तमाम विसंगत धाराओं के तहत मुक़दमा भी दर्ज है। राजेंद्र प्रसाद, रुक्मिणी राय एवं इनके रिस्तेदारों के नाम वृन्दाबन योजना में तमाम भवन आवंटित हैं, इन लोगों ने तमाम लोगो से भवन, प्लाट दिलाने के एवज में रुपये लेकर अपनी संपत्ति बनायीं है । महोदय, राजेन्द्र प्रसाद मुझे विस्वास में लेने के लिए भवन संख्या 68/13 का आबंटन पत्र भी दिया था, जिसे देख कर मेरे एक मित्र सुबेदार धनंजय त्रिपाठी पुत्र स्व. राधेश्याम त्रिपाठी निवासी भवन संख्या 6A/95 वृन्दाबन योजना, रायबरेली रोड, थाना पीजीआई, तहसील सरोजनी नगर, लखनऊ, उत्तर प्रदेश, जो की सेना में सेवारत है उन्होंने भी भवन संख्या 5C/122 एवं 6A/100 को लखनऊ आवास विकास प्रधिकरण के द्वारा पुनर्जीवन योजना के तहत आवंटन एवं रजिस्ट्रेशन हेतु एक मुस्त निस्तारित धन के एवज में राजेंद्र प्रसाद के बैंक खाते में रु 12,50,000.00 (रुपये बारह लाख पचास हजार मात्र) और रु 89,800.00 (रुपये नवासी हजार आठ सौ मात्र) नगद भुगतान कर चुके हैं। महोदय, हम लोग जब राजेंद्र प्रसाद से भवन/प्लाट की रजिस्ट्री के लिए बोलते है तो हमेसा झूठ बोलकर तारीख बताता रहता है और वह ना ही रजिस्ट्री करवा रहा है और ना ही रुपये वापस कर रहा है।
पीडित सैनिक की तहरीर पर पीजीआई पुलिस ने साक्ष्यों के आधार पर मुकदमा दर्ज अग्रिम कार्रवाई कर रही है।।