लखनऊ :
संस्कृत पाठशाला में स्वच्छता और संस्कार की मंगलमय धारा।।
दो टूक : लखनऊ के सदर कैण्ट मे स्थित संस्कृत पाठशाला में मंगलवार को मंगलमान के तत्वावधान में 421वां ई-भंडारा संपन्न हुआ, जिसका केंद्रबिंदु स्वच्छता, संस्कार और लखनऊ की गौरवशाली परंपराएं रहीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री सुभाष अग्रवाल जी ने की, जबकि संयोजक राजीव अग्रवाल द्वारा कुशलतापूर्वक किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए विद्यार्थियों को लखनऊ की समृद्ध परंपराओं से अवगत कराया गया और व्यक्तिगत तथा सार्वजनिक जीवन में स्वच्छता को सर्वोपरि रखने का आह्वान किया। अध्यक्ष श्री सुभाष अग्रवाल ने कहा कि उच्च आदर्शों को जीवन में आत्मसात करने के उद्देश्य से ही हनुमान जी के प्रिय दिन, मंगलवार को इस ई-भंडारे का नियमित आयोजन किया जाता है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि वर्षों के प्रयासों से लखनऊ की मंगलमय परंपरा का विस्तार हो रहा है।
इस अवसर पर, छोटे-छोटे विद्यार्थियों ने अपनी रचनात्मक प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए गीत, कथा और कहानियों के माध्यम से स्वच्छता के महत्व को मनोरंजक ढंग से प्रस्तुत किया और इसे अपने जीवन में अपनाने का दृढ़ संकल्प दिखाया। उमेश चंदाना ने अपने मधुर गीतों से बच्चों का मन मोह लिया, जबकि ओमप्रकाश चौरसिया ने अपनी ओजपूर्ण कविता से एक जीवंत समां बांध दिया।
कार्यक्रम का सुचारू संचालन राजीव अग्रवाल ने किया, जिन्होंने मंगल के आध्यात्मिक और सामाजिक महत्व पर सारगर्भित प्रकाश डाला। सुभाष अग्रवाल के कर कमलों द्वारा भंडारे का शुभारंभ किया गया, जो सेवा और समर्पण की भावना का प्रतीक था।
इस आयोजन में विद्यालय के अनेक शिक्षक, कर्मचारी और ई-भंडारा टीम के संयोजक नवल पांडे सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिन्होंने इस पुनीत कार्य में अपना सहयोग प्रदान किया।