लखनऊ :
एल्डिको शौर्य द्वारा सुरक्षित भूमि पर अवैध कब्जे की एक वर्ष पहले हुई थी पुष्टि,नही हुई कार्रवाई।।
।। दिनेश सिंह ।।
दो टूक : लखनऊ के सरोजनीनगर तहसील क्षेत्र में पिछले लंबे समय से भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों की कारगुज़ारियों से चर्चा में लखनऊ की सरोजनी नगर तहसील रही आपको बताते चलें कि शिकायत कर्ता द्वारा एक वर्ष से अधिक होने को है बिजनौर और नूरनगर भदरसा सीमा पर एल्डिको शौर्य द्वारा हाउसिंग रिहायशी कालोनी का विस्तार किया है जिसमें ग्राम सभा बिजनौर और नूरनगर भदरसा की सरकारी भूमि को भी अपने कब्जे में कर लिया जब शिकायत कर्ता द्वारा शिकायत की गई तो तहसील में जिम्मेदार अधिकारी द्वारा मौके की जाँच की गई पुष्टि भी हुई और लेखपाल व राजस्व निरीक्षक द्वारा कार्यवाही के लिए तहसीलदार को रिपोर्ट दी जिसमें खसरा संख्या 14 रखबा 0.139 हेo तालाब व खसरा संख्या 17 रकबा 0.579 हे o , 40 रकबा 0.196हेo , 50 रकबा 0.139हे o ऊसर खाता राजस्व अभिलेखों में दर्ज है ।आई जी आर एस संख्या 40015724005241 पर शिकायत कर्ता द्वारा शिकायत की गई थी लेकिन अब जमीनी स्तर पर कार्यवाही करने की बात थी तो चुप्पी साध कर बैठ गए और कार्यवाही के नाम पर शून्य रहा यह शून्य भ्रष्टाचार होने का संकेत देता है और एक वर्ष बाद भी कार्यवाही नहीं हुई जब शिकायत कर्ता ने दोबारा शिकायत की तो उपजिलाधिकारी मौके का निरीक्षण करने गए और कार्यवाही करने की बात कही लेकिन एक माह से अधिक बीत जाने के बाद भी एल्डिको शौर्य द्वारा किए गए सरकारी भूमि को सुरक्षित नहीं कराया गया और तहसील प्रशासन भूमाफियाओं को लगातार बचाने की फिराक में जुटा हुआ है और शिकायत कर्ता को गुमराह करते चले आ रहे हैं शिकायत कर्ता दिनेश सिंह चौहान ने बताया कि भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुकी है तहसील प्रशासन द्वारा भू माफियाओं को लगातार संरक्षण दिया जा रहा है और आम जनमानस से अधिकारी कोसो दूर नजर आते हैं हमारे द्वारा पिछले 5 वर्षों से दर्जनों गांव में सरकारी भूमि पर भूमाफियाओं द्वारा कब्जा कर सरकार का हजारों करोड रुपए की सरकारी भूमि पर आलीशान प्लाटिंग कर बेचने का कारोबार किया जा रहा है भूमाफियाओं के ऊंचे रसूख के आगे तहसील प्रशासन उन पर कार्रवाई करने में नाकाम साबित हो रहा है जबकि मुख्यमंत्री अपने अधिकारियों को जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी पर काम करने के निर्देश जारी करते रहे हैं और भ्रष्टाचार को लेकर सख्त कार्रवाई भी की जा रही है सरकार की मनसा पर जिम्मेदार अधिकारी पलीता लगा रहे हैं अब ऐसे में सरकारी भूमि कैसे सुरक्षित होगी ऐसा प्रतीत होता नजर आ रहा है कि हमें उच्च न्यायालय का दरवाजा खट खटना पड़ेगा।