लखनऊ :
मशला वक्फ संशोधन बिल का नहीं भाजपा के नीयत का है : अजय राय।।
दो टूक : लोकसभा संसद में पेश हुए वक्फ संशोधन बिल पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि मशला संशोधन का नहीं नीयत का है और सरकार हमेशा की तरह धार्मिक तुष्टिकरण कर मुसलमानों को निशाना बनाने की कोशिश कर रही है। ऐसा नहीं कि वक्फ बिल में पहली बार संशोधन हो रहा है इसके पहले वर्ष 2013 और 1995 में भी संशोधन हुए हैं मगर तब ऐसा कोई विरोध मुस्लिम समुदाय की ओर से नहीं हुआ था। सवाल यह है कि आज जब मोदी सरकार संशोधन की बात कर रही है तो पूरे का पूरा मुस्लिम समाज इस बिल विरोध में क्यों है?
श्री राय ने कहा कि पहले ही दिन से सरकार की मंशा संशोधन के जरिए पूरे के पूरे वक्फ बोर्ड को कटघरे में खड़ा करने की थी। सरकार और पूरे का पूरा भाजपा का आईटी सेल इस नेरेटिव को बनाने में लगा रहा कि लोकतांत्रिक भारत में वक्फ एक ऐसी संस्था है जो मनमाना व्यवहार करती है। वक्फ संशोधन बिल को लेकर बनाई गई जेपीसी में भी विपक्षी सांसदों के सुझाए गये सारे संशोधनों को भी खारिज कर दिया गया। इतना ही नहीं खंड दर खंड चर्चा की जो परंपरा थी उसका भी पालन नहीं किया गया यानी मोदी सरकार अपने मनमाने तरीके से वही बिल संसद में पास कराने के लिए आमादा है जो वह चाहती है और जेपीसी सिर्फ एक दिखावा था।
श्री राय ने कहा सरकार का पाखंड इस बात से उजागर होता है कि वह दान करने वालों पर तो यह शर्त लगाती है कि वह कम से कम पांच साल से इस्लाम धर्म का पालन कर रहे हों मगर बोर्ड के सदस्यों में गैर मुसलमान सदस्य बनाना चाहती है। इतना ही नहीं वक्फ बोर्ड के सर्वे कमिश्नर को हटा कर जिला कलेक्टर को यह अधिकार देना पूरी तरीके से सरकार की इस नीयत को जाहिर करता है कि वह वक्फ की कीमती संपत्तियों को कब्जा कर अपने लोगों में बांट देना चाहती है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि सरकार दो तरफा खेल खेल रही है। एक तरफ अपना वोट बैंक सिद्ध करने के लिए मुस्लमानों को निशाना बना रही है और दूसरी तरफ वक्फ की कीमती जमीनों का लूट का धंधा भी करना चाह रही है।
श्री अजय राय ने कहा कि हम संशोधन और सुधार के नहीं बल्कि मोदी सरकार नीयत के खिलाफ हैं जो इस देश में धार्मिक सदभाव खत्म कर वैमनस्यता और नफरत हावी कर देना चाहती है। जो पूरे के पूरे मुस्लिम समुदाय को सिर्फ इसलिए निशाने पर रखती है ताकि वह अपना धार्मिक तुष्टिकरण का एजेंडा चला सके। कांग्रेस पार्टी प्रतिबद्ध है कि उनकी इस विभाजनकारी नीति के खिलाफ लड़ने के लिए हम संविधान को मानने वाले लोग हैं और इस देश की अखंडता और सामाजिक सदभाव को बनाये रखने के लिए आखिरी दम तक लडेंगे।
श्री राय ने कहा सरकार का पाखंड इस बात से उजागर होता है कि वह दान करने वालों पर तो यह शर्त लगाती है कि वह कम से कम पांच साल से इस्लाम धर्म का पालन कर रहे हों मगर बोर्ड के सदस्यों में गैर मुसलमान सदस्य बनाना चाहती है। इतना ही नहीं वक्फ बोर्ड के सर्वे कमिश्नर को हटा कर जिला कलेक्टर को यह अधिकार देना पूरी तरीके से सरकार की इस नीयत को जाहिर करता है कि वह वक्फ की कीमती संपत्तियों को कब्जा कर अपने लोगों में बांट देना चाहती है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि सरकार दो तरफा खेल खेल रही है। एक तरफ अपना वोट बैंक सिद्ध करने के लिए मुस्लमानों को निशाना बना रही है और दूसरी तरफ वक्फ की कीमती जमीनों का लूट का धंधा भी करना चाह रही है।
श्री अजय राय ने कहा कि हम संशोधन और सुधार के नहीं बल्कि मोदी सरकार नीयत के खिलाफ हैं जो इस देश में धार्मिक सदभाव खत्म कर वैमनस्यता और नफरत हावी कर देना चाहती है। जो पूरे के पूरे मुस्लिम समुदाय को सिर्फ इसलिए निशाने पर रखती है ताकि वह अपना धार्मिक तुष्टिकरण का एजेंडा चला सके। कांग्रेस पार्टी प्रतिबद्ध है कि उनकी इस विभाजनकारी नीति के खिलाफ लड़ने के लिए हम संविधान को मानने वाले लोग हैं और इस देश की अखंडता और सामाजिक सदभाव को बनाये रखने के लिए आखिरी दम तक लडेंगे।