गुरुवार, 24 अप्रैल 2025

लखनऊ : स्तन कैंसर स्क्रीनिंग पर एक प्रसार कार्यशाला का आयोजन किया है।||Lucknow : Organised a dissemination workshop on breast cancer screening.||

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लखनऊ : 
स्तन कैंसर स्क्रीनिंग पर एक प्रसार कार्यशाला का आयोजन किया है।
स्तन कैंसर की निरन्तर जांच से मृत्युदर  लायी जा सकती है कमी: डॉ०जोवेल।।
दो टूक : राजधानी लखनऊ के प्रतिष्ठित कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान (केएसएसएससीआई) लोक स्वास्थ्य विभाग ने हेल्थ टेक्नोलॉजी असेसमेंट इंडिया (एचटीएआईएन) के सहयोग से 24 अप्रैल, 2025 को स्तन कैंसर स्क्रीनिंग पर एक प्रसार कार्यशाला का आयोजन किया है।
विस्तार
कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान  द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 
भारत में स्तन कैंसर की जांच पर एचटीए की हालिया रिपोर्ट के निष्कर्षों को साझा करना और स्वास्थ्य सेवा में साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने को बढ़ावा देना था।
स्तन कैंसर स्क्रीनिंग पर आधारित गुरुवार को आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की प्रबंध निदेशक डॉ. पिंकी जोवेल,आईएएस ने किया।
 डॉ०जोवेल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्तन कैंसर की जांच के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने आयुष्मान आरोग्य मंदिर और प्रमुख संस्थानों के बीच सहयोग की आवश्यकता का भी उल्लेख किया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि आईआईटी कानपुर के बीएसबीई विभाग के प्रोफेसर अमिताभ बंद्योपाध्याय ने कहा कि आईआईटी, कानपुर और केएसएसएससीआई के बीच सहयोग से कैंसर की रोकथाम, निदान और उपचार में नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
आयोजित कार्यशाला में केएसएसएससीआई के निदेशक प्रो. एम.एल.बी.भट्ट, कार्यकारी रजिस्ट्रार डॉ. शरद सिंह, डीन प्रो. सबुही कुरैशी और आरएमएलआईएमएस, लखनऊ के डॉ. मनीष कुमार सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यशाला के मुख्य आकर्षण में सभी गणमान्यों द्वारा भारत में स्तन कैंसर जांच पर एचटीए रिपोर्ट जारी करना शामिल था। जिसके बाद भारतीय संदर्भ में स्तन कैंसर के प्रमुख पहलुओं को कवर करने वाले तकनीकी सत्र हुए। 
रिपोर्ट को डॉ. आयुष लोहिया की देख-रेख में लिखा और संकलित किया गया। जिन्होंने एचटीए परियोजना के प्रमुख अन्वेषक के रूप में कार्य किया।
डॉ. आयुष लोहिया ने बताया कि इस शोध के परिणाम भारत में स्तन कैंसर के कारण होने वाली मौतों को कम करने में मदद कर सकते हैं। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा नैदानिक स्तन जांच महिलाओं को कैंसर होने से रोक सकती है और महिलाओं में मृत्यु दर को कम करेगी। स्तन कैंसर की जांच स्तन कैंसर के इलाज के लिए वित्तीय बोझ को भी कम कर सकती है।