लखनऊ :
रोड वेज में आउटसोर्स परिचालकों की बनी तबादला नीति।।
पारस्परिक स्थानान्तरण,कार्यदिवस में वृद्धि होगी।
दो टूक : परिवहन निगम मे पारस्परिक स्थानान्तरण से परिचालकों की उपलब्धता होगी सुगम, बसों का संचालन भी होगा नियमित,नियमित बसों के संचालन से निगम की आय में वृद्धि होगी :दयाशंकर सिंह
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उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि परिवहन निगम में आउटसोर्सिंग के माध्यम से नियुक्त परिचालकों का अब पारस्परिक स्थानान्तरण हो सकेगा। उन्होंने बताया कि सेवा प्रदाता के माध्यम से आउटसोर्स परिचालकों को निर्धारित मापदंड व शर्तों के अधीन डिपो स्तर पर नियुक्त किया जाता है। अभी तक की व्यवस्था के तहत जहां पर उनकी तैनाती होती थी वहीं पर उन्हें अपनी सेवायें देनी होती थी।
परिवहन मंत्री ने बताया कि ऐसे आउटसोर्स परिचालक जिनकी सेवा अवधि न्यूनतम 06 माह एवं 30 हजार किमी0 पूरी हो चुकी हो, के परस्पर स्थानान्तरण किये जायेगे। इससे गृह जनपद से दूरस्थ क्षेत्र में कार्यरत परिचालकों को अपने गृह जनपद या आस-पास के क्षेत्र में सेवा करने की सुविधा प्राप्त हो सकेगी। उन्होंने बताया कि गृह जनपद से दूर होने के कारण अधिकांशतः परिचालक अवकाश पर चले जाते थे अथवा अनुपस्थित हो जाते थे। इससे निगम को बस संचालन में असुविधा होती थी साथ ही निगम को आर्थिक हानि भी उठानी पड़ती थी।
परिवहन मंत्री ने बताया कि पारस्परिक स्थानान्तरण की व्यवस्था लागू होने से परिवहन निगम को नियमित परिचालक उपलब्ध होगे। कार्यदिवस में वृद्धि होगी। बस संचालन में वृद्धि होने की वजह से परिवहन निगम की आय बढ़ेगी। यात्रियों को नियमित बसें उपलब्ध होगी, जिससे उनको अपने गन्तव्य तक जाने में सुविधा होगी। उन्होंने बताया कि परिवहन निगम का यह फैसला आउटसोर्स परिचालकों के हित में है।