लखनऊ :
गुरु-शिष्य का सम्बन्ध आध्यात्मिक एवं सारगर्भित है : डॉ लीना मिश्र।।
दो टूक : भारत विकास परिषद के तत्वावधान में बालिका विद्यालय इण्टरमीडिएट कालेज मोतीनगर लखनऊ मे
गुरु वंदन छात्र अभिनंदन कार्यक्रम का गुरुवार को आयोजन किया गया।।
गुरु वंदना भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो गुरु के प्रति श्रद्धा और आभार को व्यक्त करती है। गुरु वह दिव्य व्यक्तित्व होते हैं, जो शिष्य के जीवन को एक दिशा देते और उज्जवल भविष्य के लिए समुचित मार्गदर्शन देते हैं। गुरु के बिना व्यक्ति का जीवन भ्रमपूर्ण और अंधकारमय होता है, क्योंकि वह ज्ञान, अनुभव और मार्गदर्शन के बिना अपने जीवन के उद्देश्य को पहचान नहीं सकता। हमें गुरु के प्रति अपनी श्रद्धा और सम्मान को व्यक्त करने के लिए गुरु वंदना करना चाहिए। यह भारतीय संस्कृति की एक प्राचीन परंपरा है, जो शिष्य और गुरु के बीच एक पवित्र और सम्मानजनक संबंध की स्थापना करती है। गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवो महेश्वरः यह मंत्र गुरु की महिमा को व्यक्त करता है, जिसमें गुरु को ब्रह्मा, विष्णु और महेश्वर के समकक्ष माना गया है। इसका अर्थ है कि गुरु वही शक्ति है जो सृष्टि की रचना, पालन और संहार का कार्य करता है। जब हम गुरु के चरणों में प्रणाम करते हैं, तो हम यह समझते हैं कि उन्होंने हमें आत्मज्ञान की ओर मार्गदर्शन किया है। यह एक संस्कार है जो शिष्य के भीतर गुरु के प्रति आदर और समर्पण को बढ़ाता है। समाज में गुरु का स्थान अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि गुरु बिना शिक्षा का अस्तित्व अधूरा है। गुरु न केवल शिष्य को विद्या देते हैं, बल्कि वह उसे जीवन के हर पहलू में समझ और संतुलन बनाए रखने के लिए प्रेरित करते हैं। गुरु का आशीर्वाद शिष्य के जीवन को समृद्ध और सफल बनाता है। यह विचार व्यक्त करते हुए बालिका विद्यालय इंटरमीडिएट कॉलेज, मोती नगर, लखनऊ की प्रधानाचार्य डॉ लीना मिश्र ने आज विद्यालय में भारत विकास परिषद महिला शाखा चौक द्वारा प्रायोजित गुरु वंदन छात्र अभिनंदन कार्यक्रम का आयोजन किया। उन्होंने कहा कि संतान की सर्वप्रथम गुरु उसकी मां होती है। उसके बाद जब वह विद्यालय में प्रवेश करता है तो गुरु ही उसकी माता-पिता, ईश्वर सब कुछ हो जाता है। गुरु न केवल हमें शैक्षिक ज्ञान देते हैं वरन उस ज्ञान का सही उपयोग किस प्रकार से किया जाए इसकी भी शिक्षा देते हैं। गुरु के अभाव में किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करना संभव नहीं है। गुरु और छात्र का संबंध विश्वास और समर्थन पर आधारित होता है। गुरु से प्राप्त रचनात्मक प्रतिक्रिया और प्रोत्साहन छात्र के कौशल और उसकी क्षमता को प्रभावी ढंग से विकसित करता है। इसी धारणा को लेकर भारत विकास परिषद प्रतिवर्ष इस कार्यक्रम का आयोजन करता है क्योंकि गुरु और छात्र विद्यालय की दो महत्वपूर्ण कड़ियां होती हैं। विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ लीना मिश्र ने भारत विकास परिषद महिला शाखा चौक की अध्यक्ष कंचन अग्रवाल और सचिव मंजू अग्रवाल जी का विद्यालय परिवार की तरफ से स्वागत किया। उसके पश्चात मंजू अग्रवाल जी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए गुरु के महत्व के विषय में विस्तार से बताया। तत्पश्चात कंचन अग्रवाल ने छात्राओं को नशीले पदार्थों का सेवन न करने के संबंध में जागरूक करते हुए शपथ दिलवाई। कक्षा 8 की छात्रा इल्मा ने गुरु के महत्व को बताते हुए एक सुंदर गीत प्रस्तुत किया जिसके लिए कंचन अग्रवाल जी द्वारा उसको पुरस्कृत भी किया गया। तत्पश्चात सत्र 2025 में सर्वोत्कृष्ट शैक्षिक परिणाम हेतु कक्षा छह की जानवी, कक्षा 7 की शिवानी, कक्षा 8 की इब्रा, कक्षा 9 की सुमन कनौजिया और कक्षा 11 की रिया चंद्रा का कंचन अग्रवाल और मंजू अग्रवाल द्वारा अभिनंदन किया गया। उसके पश्चात गुरु वंदन कार्यक्रम के अंतर्गत सर्वप्रथम विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ लीना मिश्र को कंचन अग्रवाल एवं मंजू अग्रवाल जी द्वारा सम्मानित किया गया। फिर समस्त शिक्षिकाओं उमारानी यादव, सीमा आलोक वार्ष्णेय, शालिनी श्रीवास्तव, पूनम यादव, उत्तरा सिंह, ऋचा अवस्थी, अनीता श्रीवास्तव, रागिनी यादव, मंजुला यादव, मीनाक्षी गौतम, प्रतिभा रानी और रितु सिंह को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।