रविवार, 6 अप्रैल 2025

मऊ : धूमधाम से मनाई गई सम्राट अशोक की जयंती,अशोक के कालखंड का श्रेष्ठ भारत।।||Mau : Emperor Ashoka's birth anniversary was celebrated with great pomp, the best India of Ashoka's era.||

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मऊ : 
धूमधाम से मनाई गई सम्राट अशोक की जयंती,अशोक के कालखंड का श्रेष्ठ भारत।।
।। देवेन्द्र कुशवाहा।। 
दो टूक : जनपद मऊ के मुगेशर गाव   व  अदरी नगरपंचायत,  कोपागंज  नगरपंचायत के वार्ड एक  में सम्राट अशोक की 2329 वीं जयंती पर कुशवाहा  मौर्य , सम्राट अशोक  क्लब  द्वारा  जगह  जगह  आयोजित किया गया।

राष्ट्र वंदना के साथ-साथ संविधान की शपथ दोहराई
कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रीय ध्वज फहराकर किया गया। उसके बाद   छोटे छोटे बच्चो    ने राष्ट्र वंदना के साथ-साथ संविधान की शपथ दोहराई। तत्पश्चात अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित किया गया। समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित  राधेश्याम  मौर्य  ने अशोक महान के बताए हुए मार्ग पर चलने का आह्वान करते हुए कहा अखण्ड भारत का निर्माण तभी संभव है जब हम एकजुट होकर राष्ट्र के प्रति चिंतन व विचार करे।
सम्राट अशोक महान मौर्य वंश के वह कुलदीपक थे

  कहा कि मौर्य राजवंश के चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान ने अखण्ड भारत पर राज्य किया उनका साम्राज्य उत्तर मे हिन्दुकुश की श्रेणी से लेकर दक्षिण मे गोदावरी नदी पूरब मे बांग्लादेश से पश्चिम मे अफगानिस्तान, ईरान फैला हुआ था। सत्यम मौर्या ने कहा कि अखंड भारत के संस्थापक तथा एशिया महादीप के सबसे बड़े भूभाग पर मानवता मुलक समरस समाज की स्थापना करने वाले सम्राट अशोक के कालखंड में ही भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। आज यह सोने की चिड़िया नहीं रह गया है।
 सम्राट अशोक महान मौर्य वंश के वह कुलदीपक थे जिन्होंने अपने कृत्यों से कुल, वंश व समुदाय को ही नहीं वरन् देश व दुनिया को सत्य व अहिंसा का पाठ पढ़ाया। हरिंदर मौर्य कहा कि आज का संपूर्ण भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नेपाल,बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार के अधिकांश भूभाग पर चक्रवर्ती सम्राट अशोक का राज्य था। दिनेश कुमार मौर्य कहा कि कुशवाहा समाज का गौरवशाली इतिहास है। पूर्व के इतिहासकारो ने हमे रोटी, कपडा और मकान तक हमे उलझाकर रखा। तथागत के अप्प दीपो भव: से हमे दूर रखा।सुखनंदन मौर्य,  सम्राट अशोक के जीवन चरित्र और अखंड भारत का वृहद साम्राज्य पर विस्तार से प्रकाश डाला।
कार्यक्रम मे मनोज मौर्य  , हरिदर मौर्य  ,मोनू  मौर्य  सुनिल मौर्य,  बिजेश मौर्य आदि कई सौ महिला  पुरुष  लोग  मौजूद   रहे